लिखित आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन खत्म करने वाले दिव्यांगजन, बुधवार को उस वक्त नाराज हो गए, जब जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार द्वारा 14 दिसंबर बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन करने के लिए जिले भर से दिव्यांगजनो में बुलाया गया था। जहां आयोजित इस कार्यशाला में दिव्यांगजनों की विभिन्न मांगों को पूरा कराने को लेकर योजना बनाई जानी थी। इस कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ ने दिव्यांगजनों को तो बुला लिया लेकिन वे स्वयं लालबर्रा में आयोजित एक स्वास्थ्य शिविर में भाग लेने चले गए। इस पर कार्यशाला में पहुंचे दिव्यांगजन काफी नाराज हो गए और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर दिव्यांगों को अपमानित किए जाने का आरोप लगाया है। आपको बताएं कि वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 1 दिसंबर से प्रगतिशील दिव्यांग कल्याण सेवा समिति के बैनर तले दिव्यांगों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था। जहां 7 दिनों तक चले धरना प्रदर्शन के बाद जिला अधिकारियों के निर्देशन पर जिला पंचायत सीईओ ने उन्हें आश्वासन देकर उनका धरना प्रदर्शन समाप्त कराया था। जहां अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा करने के लिए बुधवार को जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने दिव्यांगजनों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन का जिले के समस्त दिव्यांगजनों को उस कार्यशाला में बुलाया था। जिसमें शामिल होने के लिए दूर दराज से आए दिव्यांगजन जब जिला पंचायत पहुचे तो वह आने के बाद उन्हें पता चला कि जिन अधिकारियों ने उन्हें कार्यशाला के लिए जिला पंचायत बुलाया था वही अधिकारी जिला पंचायत में नहीं है और वे स्वास्थ्य शिविर में शामिल होने के लिए लालबर्रा गए हैं ऐसी जानकारी मिलते ही दिव्यांगजन नाराज हो गए और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए ,इसे दिव्यांगजनों का अपमान बताया है। जिन्होंने दूर दराज से कार्यशाला के लिए सभी दिव्यांगजनों के भोजन की व्यवस्था करने,आगामी बैठक का लिखित आश्वासन देने और दिव्यांग जनों के आने जाने का किराया उपलब्ध कराने की मांग की । जिन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक प्रशासनिक अधिकारी उनकी मांग पूरी नहीं करेंगे, तब तक सभी दिव्यांग जिला पंचायत में ही बैठे रहेंगे ।
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान वैनगंगा मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विशाल बिसेन ने प्रशासनिक अधिकारियों पर मेडिकल शिविर की आड़ में दिव्यांगजनों का अपमान किए जाने का आरोप लगाया है। जिन्होंने स्पष्ट किया कि जब दिव्यांगजनों को कार्यशाला में बुलाया गया था तो जिला अधिकारियों को यहां उपस्थित होना था। लेकिन कार्यशाला में दिव्यांगजनों को बुलाकर खुद जिला पंचायत सीईओ उपस्थित नहीं है। जिस पर उन्होंने विधायक गौरीशंकर बिसेन द्वारा लालबर्रा में आयोजित स्वास्थ्य शिविर पर भी कई सवाल उठाए हैं।