दिव्यांग शिक्षिका हिमानी बुंदेला ने जीता एक करोड़, बोलीं- इस जीती हुई रकम से मैं स्पेशली एबल्ड बच्चों के लिए कोचिंग अकादमी खोलूंगी

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आगरा शहर की रहने वाली हिमानी बुंदेला ‘कौन बनेगा करोड़पति 13’ की पहली करोड़पति बनी हैं। 25 वर्षीय हिमानी एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका हैं जो बच्चों को एक स्पेशल लर्निंग एक्सपीरियंस के माध्यम से मानसिक गणित सिखाने के लिए प्रेरणा लेती हैं और इसे ‘मैथ्स मैजिक’ कहती हैं। बता दें, हिमानी ने न सिर्फ केबीसी का खेल खेला बल्कि अपनी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद 1 करोड़ की रकम जीती हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, हिमानी ने बताया कि वो इस जीती हुई रकम से स्पेशली एबल्ड बच्चों के लिए कोचिंग अकादमी खोलना चाहती हैं।

बचपन से ही केबीसी में जाना चाहती थीं हिमानी

हिमानी कहती हैं, “मेरी केबीसी की जर्नी बहुत लंबी रही है। बचपन से ही मुझे इस शो के मध्यम से खुद को देखने की चाह थी। जब मैं लगभग 5-6 साल की थी तब से अपने दोस्तों के साथ ये क्विज शो खेलती थी। शायद जब मैं 12-13 साल की थी तब से मैं शो में पार्टिसिपेट करने के लिए संदेश भेजा करती थी, लेकिन हमेशा वो संदेश फेल हो जाता था। हालांकि पिछले कुछ सालों से मेरा रजिस्ट्रेशन सक्सेसफुल हो जाता था और आखिरकार इस सीजन में मुझे मौका मिला हॉट सीट पर बैठने का। केबीसी सबसे लोकप्रिय शो है और मुझे लगता है कि इस शो में पार्टिसिपेट करने के लिए आत्मविश्वास सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे दृढ़ता से लगता है कि जब आप खुद पर कड़ी मेहनत करते हैं तो आपको अपने सपनों को हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता।”

शुरूआती दौर में थोड़ा नर्वस महसूस कर रही थीं हिमानी

हिमानी आगे कहती हैं, ” ‘केबीसी’ का मेरा अनुभव बहुत ही अद्भुत था। शुरूआती दौर में मैं थोड़ा नर्वस महसूस कर रही थी, लेकिन सभी बहुत उत्साहित थे। मैंने और मेरे परिवार वालों ने बहुत सपने देखें थे और अब जब ये पूरा हो गया तो यकीन ही नहीं हो रहा है। हम लोगों के लिए ये एक अनएक्सपेक्टेड जर्नी थी। जब मुझे 1 करोड़ का सवाल पूछा गया था तब मैं बहुत डर गई थी। जाहिर है 1 करोड़ जैसी बड़ी रकम थी और यदि मैं गलत जवाब देती तो रकम 3 लाख 20 हजार तक पहुंच जाती। वो मोमेंट मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। डरकर भी मैं आगे बढ़ी और जीत हासिल कर पाई। “

हर दिन मैं करंट अफेयर्स पढ़ती हैं हिमानी

हिमानी ने बताया, “तैयारी की बात करें तो मेरा जनरल नॉलेज में पहले से ही बहुत इंटरेस्ट हुआ करता था। साथ ही 13 साल की उम्र से ही मैं बच्चों को पढ़ाया करती थी, इसीलिए जनरल नॉलेज थोड़ी और अच्छी हो गई थी। मैंने ऑडियो बुक और यूट्यूब से काफी नॉलेज ली, आज भी हर दिन मैं करंट अफेयर्स पढ़ती हूं। इसके लिए सालों से मेहनत करती आ रही हूं, बस नतीजा अब जाकर मिला है।”

अमिताभ बच्चन थे मानसिक गणित की नई तरकीबों को जानने के लिए उत्सुक

हिमानी ने आगे बताया, “अमिताभ सर के सामने हॉट सीट पर बैठने वाले सभी लोगों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है। अमिताभ सर के साथ यह एक अद्भुत बातचीत थी। वो मानसिक गणित की नई तरकीबों को जानने के लिए बहुत उत्सुक थे। मैं उन्हें मानसिक गणित का रास्ता दिखा रही थी और उन्हें नई-नई तरकीबें सिखा थी। नई चीज को देखकर और समझकर वो वाकई बहुत खुश हुए। जिस तरह से वो हमें कम्फर्टेबल महसूस करते हैं, हमारे साथ बातचीत करते हैं, वो वाकई में अनोखा है।”

जीती हुई रकम से स्पेशली एबल्ड बच्चों की मदद करना चाहती हैं हिमानी

हिमानी ने कहा, “इस जीती हुई रकम से मुझे दिव्यांग सेक्शन के लिए कुछ करना है। उनके लिए एक कोचिंग इंस्टीट्यूट बनाना हैं जहां हम हर तरह के स्पेशली एबल्ड बच्चों को एक ही क्लास में अलग-अलग तरीके के कॉप्टीशन के लिए तैयार करेंगे, फिर चाहे वो UPSC हो या कोई और स्टेट लेवल कॉप्टीशन। प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण है और मैं चाहती हूं कि मैं ऐसे लोगों को तैयार करूं कि वो भी चुनौतियों का सामना करें। उम्मीद करती हूं कि मैं जल्द से जल्द अपने इस मिशन को शुरू करूं और इन स्पेशल लोगों की मदद हर प्रकार से कर पाउं।”

कौन हैं हिमानी?

बता दें, जब हिमानी 15 वर्ष की थीं तो एक हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। साल 2011 में, हिमानी एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की शिकार हो गई थीं, जिसके कारण उनकी दृष्टि धुंधली हो गई। कई ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी नहीं बचा सके। इसके बावजूद हिमानी ने अपनी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वो बच्चों को ये सिखा रही हैं और इस बारे में जागरूक बना रही हैं कि स्पेशली एबल्ड लोगों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

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