बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। बीते दिनों से लगातार हो रही रुक-रुक कर बारिश के कारण शहर के वार्ड नंबर 5 सरेखा कोसमी स्थित वर्षों पुराने एक मकान की दीवार 22 सितंबर की सुबह 5 बजे अचानक भरभरा कर गिर गई। घर के भीतर सो रहे लोग जब तक कुछ समझ पाते पड़ोसियों ने तत्काल मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया और उन्हें घर से बाहर निकाला जिससे घरं के भीतर सो रहे 7 लोगों को बाल-बाल बचा लिया गया, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
मकान गिरते देख पड़ोसी ने सबको निकाला – सीता यादव
इस घटना के बाद इस मकान में निवास कर रहे लोग बहुत अधिक भयभीत है। पीडि़त वार्ड नंबर 5 सरेखा निवासी सीता यादव ने बताया कि यदि पड़ोसी नहीं होते तो आज वे इस दुनिया में नही होते। भला हो पड़ोसियों का। सुबह 5 बजे की घटना है इसलिए दीवार गिरने का पता चल गया अगर यही घटना मध्य रात्रि में हुई होती तो हम सबकी जान भी जा सकती थी। लेकिन दूसरी ओर सीता यादव ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि डेढ़ वर्ष से उनके द्वारा पीएम आवास के लिए आवेदन किया गया है बावजूद इसके उसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा।
किस्त नहीं मिली तो नपा के सामने बैठकर करेंगे धरना आंदोलन – रामभाऊ
नगरपालिका में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष और वार्ड नंबर पांच के पार्षद रामभाऊ पंचेश्वर ने इसके लिए सीधे-सीधे नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में इस परिवार का नाम है लेकिन नगरपालिका आवास निर्माण के लिए पैसा नहीं दे पा रही है ,नगरपालिका पैसा क्यों नहीं दे पा रही है इसका कारण तो सीएमओ और कलेक्टर ही बता सकते हैं। सुबह के समय लोग जाग जाते हैं इसलिए परिवार के लोगों को बचा लिया गया। यदि जल्द ही इस पीडि़त परिवार को पीएम आवास का लाभ नहीं मिला तो उनके द्वारा नगरपालिका में धरना प्रदर्शन आंदोलन किया जाएगा।
पीएम आवास की किस्त नहीं मिलने से बहुतायत में परिवार झोपड़ी में रहने को मजबूर
पीएम आवास की दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिलने की वजह से अकेले बालाघाट शहर के 33 वार्ड और आसपास के क्षेत्र में लगभग 2000 से अधिक लोगों की यही परेशानी है कि वह इन दिनों खुले आसमान के नीचे या फिर बमुश्किल किराए की किसी झोपड़ी में रहने को मजबूर है। बावजूद इसके केंद्र और राज्य शासन उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है, नतीजा हर कोई जान जोखिम में डालकर इस समय अपना जीवन यापन कर रहा है और लगातार प्रशासन से यही गुहार लगा रहा है कि उन्हें जल्द से जल्द पीएम आवास की राशि दी जाए जिसका वादा शासन ने उनसे किया था।