अंकारा: तुर्की और इंडोनेशिया ने कान (KAAN) लड़ाकू विमानों की खरीद का समझौता फाइनल कर लिया है। शनिवार को इस्तांबुल में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा मेले (आईडीईएफ) के दौरान 48 लड़ाकू विमानों की बिक्री की डील पर दोनों देशों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए गए। ये डिफेंस डील 10 अरब डॉलर की है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 11 जून को 48 कान लड़ाकू विमानों का निर्यात इंडोनेशिया को करने का ऐलान किया था। अब आधिकारिक तौर पर डील पर हस्ताक्षर हो गए हैं। तुर्की का यह इस फाइटर जेट के लिए पहला निर्यात सौदा है।
तुर्की के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए इंडोनेशिया तुर्की के इन स्वदेशी विमानों का पहला खरीदार बन गया है। तुर्की के उपराष्ट्रपति सेवदत यिलमाज ने डील के बाद कहा कि हमारा रक्षा उद्योग नए आयाम हासिल कर रहा है। इंडोनेशिया को हम लड़ाकू विमान कान की खरीद समझौता करने के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
क्या है इस समझौते में
इंडोनेशिया और तुर्की के बीच हुए इस सौदे में 10 साल की अवधि में इंडोनेशिया में इन विमानों का उत्पादन भी शामिल है। डील के तहत इंडोनेशिया में नई फेसिलिटी स्थापित की जाएंगी। तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (TAI) व्यापक औद्योगिक साझेदारी के तहत इंडोनेशिया में अपने प्लांट लगाएगी।
तुर्की रक्षा उद्योग एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह डील इंजीनियरिंग, उत्पादन और प्रौद्योगिकी सहयोग में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इंडोनेशिया में स्थापित होने वाला औद्योगिक बुनियादी ढांचा आपसी मित्रता पर आधारित हमारी रणनीतिक गहराई को दर्शाएगा।
KAAN में क्या है खास
कान पांचवीं पीढ़ी का युद्धक विमान है। इस पर तुर्की बीते एक दशक से काम कर रहा है। इस जेट का पहली बार सार्वजनिक रूप से अनावरण 2023 में किया गया। इसके बाद 2024 में इसने अपनी पहली सफल परीक्षण उड़ान भरी। जेट का सीरियल प्रोडक्शन 2028 में शुरू होगा। तुर्की ने कान जेट के तीन प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं।
तुर्की ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट कान (KAAN) को हवाई श्रेष्ठता, सटीक हमले और सर्वाइवल पर ध्यान केंद्रित करते हुए बहुउद्देशीय हवाई युद्ध क्षमताएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया है। इस विमान का विकास तुर्की प्रेसीडेंट रेसेप एर्दोगन की घरेलू एयरोस्पेस उत्पादन को बढ़ावा देने के महत्वाकांक्षी प्लान का हिस्सा है।
2030 से शुरू होगी डिलीवरी
KAAN को पहले TF-X के नाम से जाना जाता था। फिलहाल यह जेट तुर्की के रक्षा आधुनिकीकरण की प्रमुख परियोजना है। इंडोनेशिया के साथ सौदे ने तुर्की की एयरोस्पेस महत्वाकांक्षा को और मजबूत किया है। अंतिम परीक्षण और सर्टिफिकेशन स्टेज के बाद 2030 के दशक की शुरुआत में इंडोनेशिया को इनकी आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है।