दुनिया भर की यात्राएं करते रहे लेकिन… मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर छोड़ा तीखा तीर

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नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। मैतेई कट्टरपंथी संगठन ‘अरम्बाई टेंगोल’ के नेता की कथित गिरफ्तारी के बाद इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में विरोध प्रदर्शनों के बाद घाटी के 5 जिलों के इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। उधर मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमले शुरू कर दिए हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘मणिपुर के लोगों का दुख, पीड़ा और लाचारी अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटों में इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, थोउबाल, कछिंग और बिष्णुपुर-ये पांच जिले फिर से हिंसा की चपेट में आ चुके हैं। फरवरी 2022 में बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनावों में अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल किया। एनडीए के पास स्पष्ट जनादेश था। लेकिन उस जनादेश के महज 15 महीने बाद, 3 मई 2023 की रात से मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया गया। सैकड़ों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या कर दी गई। हजारों लोग बेघर हो गए। पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया गया।’

उन्होंने आगे लिखा कि 4 जून 2023 को केंद्र सरकार ने एक तीन-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग की ओर से रिपोर्ट देने की समय-सीमा कई बार बढ़ाई गई और अब इसकी नई डेडलाइन 20 नवंबर 2025 तय की गई है। 1 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि राज्य में पिछले दो महीनों से संविधानिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। गृह मंत्री ने मणिपुर का औपचारिक दौरा किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक न कुछ कहा, न किसी से मिले। राज्य से जुड़े नेताओं और संगठनों की कोई बात तक सुनने को वे तैयार नहीं हुए। उन्होंने चुप्पी साध रखी है।

जयराम रमेश ने लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी ने शुरुआत से राष्ट्रपति शासन की मांग की थी, लेकिन इसे तब तक नजरअंदाज किया गया जब तक कि कांग्रेस ने 10 फरवरी 2025 से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा नहीं कर दी। 9 फरवरी की रात बीजेपी ने सच्चाई को भांपते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफा दिलवाया और अंततः 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। लेकिन राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद जमीन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। यहां तक कि राज्यपाल को भी इम्फाल एयरपोर्ट से अपने निवास तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा। राज्य के कई हिस्सों में अब भी कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है।’

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