भारत में हैकिंग गिरोह अब निजी जांचकर्ताओं के इशारे पर दुनिया भर में सरकारी अधिकारियों और प्रमुख हस्तियों के सैकड़ों ईमेल खातों को अवैध रूप से हैक करके हजारों डॉलर कमा रहे हैं। भारत अब एक विश्वव्यापी हैकिंग घोटाले का केंद्र बन गया है। जांच में पाया गया कि अक्सर पीड़ितों से भारतीय हैकर सोशल मीडिया पर दोस्ती करते थे। हैकर्स ने उन्हें क्लिक करने के लिए कुछ ऐसा भेजा, जिसमें उनकी दिलचस्पी थी। फिर जब उन्होंने उस पर क्लिक किया, तो उन्होंने अपने कंप्यूटर पर मैलवेयर डाउनलोड कर लिया. जिससे हैकर को उनके ईमेल इनबॉक्स तक पहुंचने की अनुमति मिल गई। ब्रिटेन के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक जिन भारतीय हैकरों से बात की गई, उन्होंने दावा किया कि वे कभी पकड़े नहीं गए और हर काम के लिए उन्होंने हजारों अमेरिकी डॉलर कमाए। इन हैकरों में से अधिकांश ने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इस मामले की पड़ताल के लिए कुछ विदेशी रिपोर्टरों को भारत भेजा गया था। जांचकर्ता बने इन अंडरकवर रिपोर्टरों ने अवैध हैकिंग उद्योग में घुसपैठ करने के लिए भारत के कुछ बड़े कंप्यूटर हैकरों को काम देने का लालच दिया।
अंडरकवर पत्रकारों ने लंदन के मेफेयर में एक नकली कॉर्पोरेट जांच कंपनी की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने भारत के कुछ टॉप हैकरों से यह कहते हुए संपर्क किया कि वे अपने ग्राहकों के टारगेट की निजी जानकारी हासिल करना चाहते हैं। जब जवाबों की बाढ़ आ गई, तो वे भारत आए और इन हैकरों का इंटरव्यू लिया और गुप्त रूप से उनके काम के बारे में और जानने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया। बेंगलुरु के हैकर ने दावा किया कि उसने भारत सरकार के लिए हैकिंग का काम किया है। उसने कहा कि कुछ देशों की सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों के कंप्यूटर सिस्टम में सेंध लगाने के लिए उसे कमीशन दिया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय हैकरों ने पाकिस्तान के राजनेताओं, जनरलों और राजनयिकों के कंप्यूटरों को हैक कर लिया और उनकी निजी जानकारी को भारतीय खुफिया सेवाओं के इशारे पर चुरा लिया।