पीड़िता आरोपी के यहां किराए से रह रही थी। साथ ही पीड़िता मूलतः बाहर की रहने वाली है और दतिया में नर्स की पढ़ाई कर रही थी। 8 अप्रैल 2013 के दिन आरोपी प्रशांत निमगनी ने उसे ऊपर अपने रूम पर बुलाया। यह आरोपी ने उसे धोखे से बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। यही नहीं आरोपी ने पीड़िता के विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी और तीन माह तक बंधक बनाकर रखा।पैरवीकर्ता शासकीय वकील राजेश पस्तोर ने बताया कि, घटना दिनांक के 3 माह बाद पीड़िता से जब उसके परिजन मिलने पहुंचे तो वह बेटी की हालत को देख दंग रह गए। पीड़िता ने सारी घटना अपने परिजनों को बताई, इसके बाद परिजन उसे कोतवाली थाने लेकर पहुंचे और पुलिस को पीड़िता ने आपबीती सुनाई। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर चार्जशीट तैयार की और न्यायालय में प्रस्तुत की।
न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत होने के बाद मामले की सुनवाई शुरू की गई। इस दौरान जब पीड़ित पक्ष के बयान न्यायालय में लिए गए। इस पर पीड़िता व उसके परिजन घटना से मुकर गए। पीड़ित पक्ष का कहना था कि ऐसी कोई घटना उनके साथ हुई है। इस पर अपर सत्र न्यायाधीश रोहित सिंह की कोर्ट ने पुलिस के द्वारा प्रस्तुत की गई। चार्जशीट के तथ्यों से सहमत होकर और अरोपी प्रशांत निगानी को दोषी पाते हुए 10 साल के कठोर कारावास और एक हज़ार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।