देश आजादी का अमृत उत्सव वर्ष मना रहा है, ऐसे में सरकार ने दूध, दाल, चावल व दूध से बनी अन्य चीजो पर 18 जुलाईसे 5 प्रतिशत का जीएसटी लगाया है जिससे सीधे तौर पर आम गरीब व्यक्ति प्रभावित होगा। देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब खाद्य पदार्थो पर जीएसटीलगाकर कर के दायरे में लाया गया है, इस से ग्रहणीयों के किचन का बजट गडबडा गयाहै, ग्रहणी जहां पहले हीरसोई गैस तेल व अन्य खाद्य सामाग्री के मंहगे होने से परेशान है ऐसे में अब उसे औरपरेशान होना पडेगा। सरकार द्वारा दूध दाल चावल पर जीएसटीलगाने पर डेयरी संचाल को से बात की तो उन्होने बताया कि महंगाई की मारसेपहलेही उनका कोरोबार प्रभावित है, ऐसे में अब सरकार के द्वारादूधपनीर व अन्य दूध से बने खाद्य पदार्थो पर जीएसटी लगाया गयाहै उससे उनका दूध का व्यवसाय और प्रभावित होगा। वहीं अनाज व्यवसाई भी दाल आटा चावल पर जीएसटी लगने से अपने व्यापार कोलेकरर चिंतित देखे गए है। उनका कहना है कि इस से गरीब पर बुरा असरपडेगा, गरीबरोजगार कोलेकर पहले ही परेशान है और अब दूध जैसी पेय पदार्थ पर जीएसटी लगने से वह परेशान होगा। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए ऐसेही एक ग्रहणी ने अपनी प्रतिक्रिया में सरकार पर गुस्सा उतारतेहुए कहाहै कि पहले ही सरकार ने क्या कम टेक्सलगा रखे हैजो अब दूध दाल आटा जैसी खाद्य पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है, सरकार गरीबों को राहत देने के बजाय उन पर टेक्स लाद रही है, यह टेक्स सरकार को तुरंत वापस लेकर राहत देना चाहिए खाद्य सामाग्री पर टेक्स लगने से महंगाई की दर बढेगी इसे रोकने के उपाय करना चाहिए।