उत्तर भारतीय राज्यों से मानसून ने विदाई ले ली है और उत्तर भारत के मौसम में अब बदलाव धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले सप्ताह तक देश के अधिकांश राज्यों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून विदाई ले लेगा। सुबह और शाम के समय में हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। इस बीच मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए पूर्वानुमान जारी किया है।
मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून विदा होने के अंतिम चरण मे हैं और अधिकतर राज्यों से अगले सप्ताह तक इसकी पूरी तरह वापसी हो जाएगी। आईएमडी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नया चक्रवातीय दबाव केंद्र बन रहा है। वहीं अरब सागर में भी कर्नाटक व कोंकण तट के पास नया चक्रवातीय क्षेत्र बन रहा है, जिसके चलते अगले सप्ताह कुछ राज्यों में बारिश की संभावनाएं हैं। पश्चिमी हिमालय पर बर्फबारी और बारिश की आशंका है। इसका असर मैदानी इलाकों में भी पड़ेगा। उत्तर दिशा से आने वाली सर्द हवाएं सर्दी का अहसास को बढ़ाएंगी मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से तापमान लुढ़कना शुरू होगा।
तीसरे सप्ताह के अंत तक न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है। आगामी 19 और 20 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा में अगले 2 दिनों तक कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, कर्नाटक, महाराष्ट्र,केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, असम में तेज बारिश के आसार हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि बदल रही मौसमी परिस्थितियों के कारण अगले सप्ताह झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बंगाल के गंगीय मैदान, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात व छत्तीसगढ़ में बारिश के आसार बन रहे हैं। मध्य भारत के शेष हिस्सों, महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों एवं पूर्वी भारत से जल्द ही मॉनसून की वापसी के लिए स्थितियां बन रही हैं। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। यह समुद्र तल से 3।1 किमी ऊपर तक फैला है। कर्नाटक तट के पास पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक च्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। 18 अक्टूबर को उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है।