धड़ा-धड़ बढ़ाए चला गया ब्याज दर और मंदी की चपेट में आ गई इस देश की इकोनॉमी

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यह आर्थिक तबाही की कहानी न्यूजीलैंड (New Zealand) की। वहां के सेंट्रल बैंक Reserve Bank of New Zealand (RBNZ) ने अक्टूबर 2021 के बाद ब्याज दरों में खूब इजाफा किया। इसी के साथ वहां ब्याज की दरें 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसका परिणाम यह हुआ कि पूरी अर्थव्यवस्था ही मंदी की गिरफ्त में चली गई है। ऐसा माना जा रहा है कि ऊंची ब्याज दरों की वजह से ही न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है।

गुरुवार को जारी हुए आंकड़े

न्यूजीलैंड की तरफ से गुरुवार को जीडीपी के आंकड़े आए। ये आंकड़े इस साल के पहले तीन महीनों के लिए है। आंकड़ों के अनुसार, मार्च तिमाही में न्यूजीलैंड के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पिछली तिमाही में जीडीपी में 0.7 प्रतिशत (संशोधित) की गिरावट आई थी। लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी में गिरावट को मंदी के रूप में परिभाषित किया जाता है।

खूब बढ़ी ब्याज दरें

न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक अक्टूबर 2021 से ही अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ा रहा है। वहां ब्याज दरों में लगातार 12वीं बार बढ़ोतरी हुई। कोरोना की बिपदा में भी वहां ब्याज दर में बढ़ोतरी हो रही थी। जब ब्याज दर में 12वीं बार बढ़ोतरी हुई थी, तब यह बढ़ कर 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गया था।

14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

अभी जो न्यूजीलैंड में ब्याज दरें चल रही हैं, वह 14 साल का उच्चतम स्तर बताया जाता है। साल 2008 के बाद यह सबसे ऊंचा स्तर है। अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि इसी के चलते वहां अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ी है। ब्याज दर बहुत ज्यादा रहने से लोगों के लिए घर, कार या कोई अन्य महंगी चीज खरीदना बूते के बाहर हो गया है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ न्यूजीलैंड ने संकेत दिया है कि उसका ब्याज दर में और वृद्धि का इरादा नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसका अगला कदम ब्याज दर में कटौती का होगा। लेकिन यह तो जब होगा, तब होगा।

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