घर की सुख शांति और धन में वृद्धि होने का झांसा देकर पूजा पाठ करवाने की आड़ में ढाई लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने एक एक जादूगर
सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। 4 अगस्त की रात्रि में यह घटना नगर के वार्ड नंबर 24 के रहवासी बालाजी बोरवेल्स के मालिक नरेंद्र चौहान के साथ में हुई।गिरफ्तार इन आरोपियों में एक महिला शामिल है। जिनके पास से नगद ढाई लाख रुपए पूजा पाठ और काला जादू में उपयुक्त सामग्री इस मामले में उपयुक्त टवेरा कार को जप्त किया गया। गिरफ्तार इन आरोपियों में मैजिशियन उमाशंकर पिता आसाराम नेवारे 35 वर्ष वार्ड नंबर 11 कटंगी थाना कटंगी ,अर्चना पिता गणेश पटले 33 वर्ष इतवारी टोरी थाना कटरा जिला सागर, ऋषभ पिता दिलीप मसूलकर 28 वर्ष वार्ड नंबर 11 कटंगी, और योगेश पिता प्रेमचंद गोंडाने 41 वर्ष वार्ड नंबर 30 सरेखा थाना बालाघाट निवासी है। जिन्हें विद्वान अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक शर्तों के आधार पर जमानत पर छोड़ दिया गया है
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड नंबर 24 के निवासी नरेंद्र चौहान जो बालाजी बोरवेल के मालिक है। जिनकी जान पहचान योगेश गोंडाने सरेखा निवासी के साथ पिछले 4 साल से थी। 10 दिन पहले योगेश गोंडाने ने नरेंद्र चौहान को बताया था कि मैं एक बाबा जी को जानता हूं जो घर में गुप्त पूजा पाठ करते हैं। जिनके द्वारा घर में पूजा पाठ करवाने से सुख शांति और धन में वृद्धि होती है और घर में लक्ष्मी जी की कृपा बरसने लगती है। और योगेश गोंडाने ने नरेंद्र चौहान को अपने घर में बाबा जी से पूजा पाठ करवाने की सलाह दी। नरेंद्र चौहान ,योगेश गोंडाने के झांसे में आ गए और उन्होंने योगेश गोंडाने से बोले की ठीक है मैं बाबा जी से पूजा-पाठ अपने घर में करवा लूंगा। योगेश गोंडाने ने नरेंद्र चौहान को यह भी बोला कि पूजा पाठ को गुप्त ही रखना पड़ता है। किसी से पूजा-पाठ के संबंध में किसी से कोई चर्चा नहीं करनी है। जिसके बाद 4 अगस्त की शाम 4:30 योगेश गोंडाने एक महिला और दो व्यक्ति के साथ टवेरा एम एच 26 वी 34 77 में नरेंद्र चौहान के घर पहुंचे। योगेश गोंडाने ने नरेंद्र चौहान से एक व्यक्ति का परिचय बाबाजी उमाशंकर निवारे के नाम से करवाया और महिला को बाबा जी की साहिका होने के संबंध में बताया था। उस समय एक आदमी टवेरा गाड़ी में ही था। योगेश गोंडाने, नरेंद्र चौहान से परिचय करवाने के बाद वहां से चला गया। उस समय घर में नरेश चौहान और उनकी पत्नी अंजना चौहान ही थे। घर के अंदर कमरे में बाबा उमाशंकर नेवारे और सहायिका के साथ पूजा पाठ करने लगे बाबा जी उमाशंकर ने नरेंद्र चौहान से एक लाल रंग का कपड़ा मांगा ।नरेंद्र चौहान ने उन्हें लाल रंग का कपड़ा दिये। पूजा पाठ के दौरान बाबाजी उमाशंकर ने नरेंद्र चौहान से कहा कि अभी आपके घर में जो भी नगद रुपया है। उसे पूजा में रख दो ।इससे आप पर लक्ष्मी जी की कृपा होने लगेगी और आपका रुका हुआ धन भी आपको मिल जाएगा। नरेंद्र चौहान ने बाबा उमाशंकर की बातों में आकर उन्होंने बाबा उमाशंकर नेवारे के कहे अनुसार घर में रखे ढाई लाख रुपए बाबा उमाशंकर नेवारे को लाकर दिए। बाबा उमाशंकर अनिवार्य ने उन ढाई लाख रुपए को लाल कपड़े में बांधकर, कमरे में रखे प्लास्टिक के ड्रम में डाल दिए ।जिसके बाद बाबा उमाशंकर ने नरेंद्र चौहान से बोले कि इन पैसों को 21 दिन बाद ही उठाना और इस कमरे को बंद करके ताला लगा दो, नरेंद्र चौहान ने इस बाबा की बातों में आकर कमरे के दरवाजे में ताला लगाकर बंद कर दिये। जिसके बाद बाबा उमाशंकर ने नरेंद्र चौहान से बोले कि इस कमरे को भी 21 दिन तक नहीं खोलना अन्यथा पूजा सिद्ध नहीं होगी । जिसके बाद 6:30 बजे करीब बाबा उमाशंकर अपनी सहायिका के साथ टवेरा में बैठकर चले गए। पूजा पाठ के दौरान बाबाजी उमाशंकर नेवारे अपनी सहायिका को अर्चनाऔर टवेरा में बैठते समय टवेरा के ड्राइवर को ऋषभ नाम से संबोधित किए थे। जिनके जाने के बाद नरेंद्र चौहान को शंका हुई की बाबा जी ने कमरे का दरवाजा 21 दिन के लिए बंद क्यों करवाया। किसी भी पूजा में इस प्रकार की पद्धति का उपयोग नहीं होता। और उन्होंने अपनी पत्नी अंजना के साथ रात में ही कमरे के ताले को खोलकर अंदर जाकर प्लास्टिक के ड्रम को देखे तो ड्रम खाली था ड्रम में लाल कपड़े में रखे ढाई लाख रुपए नहीं थे। जिसके बाद नरेंद्र चौहान, योगेश गोंडाने के घर गए योगेश गोंडाने घर में नहीं मिला। इस प्रकार योगेश गोंडाने और उनके 3 साथी घर में पूजा पाठ कर सुख शांति धन वृद्धि होने का झांसा देकर ढाई लाख रुपए लेकर फरार हो गए। जिसके बाद नरेंद्र चौहान तुरंत ही कोतवाली पहुंचे और नगर निरीक्षक कमल सिंह गहलोत को पूजा पाठ की आड़ में ढाई लाख रुपए की धोखाधड़ी होने के संबंध में बताये। नगर निरीक्षक श्री गहलोत ने अपने स्टाफ के साथ तुरंत ही छानबीन शुरू कर दी और मिले लोकेशन के आधार पर नगर निरीक्षक श्री गहलोत अपनी टीम के साथ वारासिवनी पहुंचे और वारासिवनी स्थित एक ढाबा में चारों को पकड़े जो उस समय खाना खा रहे थे। सभी को कोतवाली लाकर पूछताछ की गई जिन्होंने अपना नाम उमाशंकर पिता आसाराम नेवारे 35 वर्ष वार्ड नंबर 11 कटंगी थाना कटंगी, अर्चना पिता गणेश पटले 33 वर्ष इतवारी टोरी थाना कटरा जिला सागर ,ऋषभ पिता दिलीप माशूरकर 28 वर्ष वार्ड नंबर 11 कटंगी थाना कटंगी, और योगेश पिता प्रेमचंद गोंडान 41 वर्ष वार्ड नंबर 30 सरेखा बालाघाट निवासी बताया।जिन्होंने साथ पूजा पाठ की आड़ में नरेन्द्र चौहान से ढाई लाख रुपए की ठगी करना मंजूर किये जिनके पास से नगर ढाई लाख रुपए पूजा पाठ मैं उपयुक्त सामग्री और टवेरा जप्त किया गया गिरफ्तार सभी ठगों को 5 अगस्त को बालाघाट की विद्वान अदालत में पेश कर दिये। विद्वान अदालत में मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए चारों आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें न्याय की शर्तों के आधार पर जमानत पर छोड़ने आदेश पारित किए।जानकारी के मुताबिक उमाशंकर नेवारे मैजिशियन है जो कटंगी में मैजिशियन की क्लास भी लेता है और उसकी वहां पर चाय की दुकान भी है और यह महिला अर्चना पटले मूल रूप से सागर जिले की रहने वाली है जो नागपुर के जरिपटका मैं अपने पति कुंदन असुलकर के साथ रहती थी किंतु वह 14 साल से अपने पति को छोड़ कर के अपने दो बच्चों के साथ अपने मायके सागर जिले में अपने माता पिता के साथ रहती है ।जो पूजा-पाठ की सामग्री बेचने का धंधा करती है