धरपीवाड़ा में संगीतमय भागवत कथा जारी

0

नगर मुख्यालय से लगभग ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत धरपीवाड़ा स्थित शिवधाम में गत १ अप्रैल से संगीतमय भागवत कथा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा कार्यक्रम जारी है। जिसका समापन आज ८ अप्रैल को गीता पाठ, पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ, पुर्णाहुति के साथ किया जायेगा। संगीतमय भागवत कथा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा कार्यक्रम के छटवें दिन ६ अप्रैल को अकुरगमन, कंस वध, रूखमणी विवाह एवं ७ अप्रैल को भगवान के विवाह का वर्णन, भीमासुर वध, सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष पर राष्ट्रीय कथावाचक पं. नंदकिशोर मिश्राजी के द्वारा संगीतमय प्रवचन दिया गया। इस अवसर पर उपस्थित श्रध्दालुजनों ने कथा श्रवण करने के साथ भगवान श्रीकृष्ण एवं रूखमणी विवाह के अवसर पर जमकर नृत्य भी किया। इस ८ दिवसीय श्री संगीतमय भागवत कथा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रतिदिन शाम ७ बजे से रात ११ बजे तक राष्ट्रीय कथावाचक पं. नंदकिशोर मिश्राजी के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवनगाथाओं पर संगीतमय प्रवचन दिया जा रहा है जिससे पूरा ग्राम भक्तिमय हो गया है और ग्राम में ज्ञान की गंगा बह रही है। इस अवसर पर क्षेत्रीय श्रध्दालुजन पहुंचकर कथा श्रवण कर धर्मलाभ अर्जित कर रहे हैं। साथ ही रोजाना विविध धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे है और ८ अप्रैल को गीता पाठ, पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ, पुर्णाहुति, महाआरती के बाद महाप्रसादी वितरण के साथ ही ८ दिवसीय संगीतमय भागवत कथा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समापन किया जायेगा। आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि गत १ अप्रैल से संगीतमय श्रीमद् भागवत एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा कार्यक्रम जारी है जिसमें प्रतिदिन शाम ७ बजे से रात ८ बजे तक राष्ट्रीय वक्ता, कथावाचक पंडित नंदकिशोर मिश्रा के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवनलीलाओं पर संगीतमय प्रवचन दिया जा रहा है जिसमें ६ अप्रैल को अकुरगमन, कंस वध, रूखमणी विवाह एवं ७ अप्रैल को भगवान के विवाह का वर्णन, भीमासुर वध, सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष पर संगीतमय प्रवचन दिया गया और ८ अप्रैल को गीता पाठ, पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ, पुर्णाहुति, महाआरती के बाद महाप्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया जायेगा। साथ ही यह भी बताया कि कथावाचक के द्वारा उपस्थित श्रध्दालुओं से कहा गया है कि कथा में जो ज्ञान प्राप्त हो रहा है उसे जीवन में आत्मसात कर सत्य के मार्ग पर चलकर जीवन को बेहतर बनाने और जो ज्ञान प्राप्त हुआ है उसे जन-जन तक पहुंचाकर सभी को धार्मिक आस्थाओं से जोडऩे कहा जा रहा है ताकि सभी धार्मिक आस्थाओं से जुडक़र सत्य के मार्ग पर चल सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here