लालबर्रा थाना क्षेत्र में तीन वर्ष पहले बेलगांव से बकोड़ा जाने वाले मार्ग पर नाले के पास धर्मेंद्र बोरकर की हत्या करने के आरोप में दो सगे भाई को आजीवन कारावास की सुनाई गई ।दोनों सगे भाई आरोपी संजय पिता झंकार माने 28 वर्ष और विक्की उर्फ नीलम माने पिता झंकार माने 25 वर्ष ग्राम बेलगांव निवासी है। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की विद्वान अदालत ने दोनों आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 5-5 अर्थदंड से भी दंडित किये है। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक, जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया द्वारा की गई थी।
अभियोजन के अनुसार धर्मेंद्र बोरकर ने संजय माने के खिलाफ रिपोर्ट की थी। इसके कारण धर्मेंद्र बोरकर और संजय माने के बीच आपसी रंजिश बन गई थी। 14 अगस्त 2020 को 9:30 बजे संजय माने ने धर्मेंद्र बोरकर के पिता देवदास को फोन करके बताया था कि मैं अपनी बहन राम प्यारी के घर बकोड़ा में हूं और धर्मेंद्र बोरकर मुझे पुराने बात पर से झगड़ा विवाद करने को देख रहा है। इसके बाद देवदास बोरकर अपने बेटे विशाल बोरकर के साथ मोटरसाइकिल में बकोडा आए और संजय माने तथा विक्की माने को समझाएं और स्कूल के पास चाय की दुकान में बैठे धर्मेंद्र को भी समझाया की झगड़ा वाद विवाद नहीं करना है। इसके बाद देवदास बोरकर अपने बेटे विशाल बोरकर के साथ अपने घर वापस आ गया था। इसके कुछ समय बाद 10:40 बजे विशाल बोरकर और उसके पिता देवदास बोरकर को पता चला कि बेलगांव से बकोड़ा जाने वाले मार्ग पर नाले के पास संजय माने और विक्की माने धर्मेंद्र बोरकर के साथ झगड़ा कर रहे हैं।। तब दोनों पिता पुत्र मोटरसाइकिल से रोड किनारे नाले के पास आए तो देखे विक्की माने ने धर्मेंद्र बोरकर को दोनों हाथ से हुआ था और संजय माने ने अपने हाथ में टँगीया से धर्मेंद्र बोरकर के सिर में मारा और इसी दौरान देवदास बोरकर और विशाल बोरकर को आता देख संजय माने और विक्की माने धर्मेंद्र की तरफ से इशारा करते हुए बोले की हमसे जो दुश्मनी करेगा उसका यही हाल करेंगे बोलकर धर्मेंद्र को जातिगत गालियां देते हुए दोनों अपनी मोटरसाइकिल में टांगिया लेकर के भाग गए थे। इस घटना के संबंध में विशाल बोरकर ने 100 डायल और 108 एंबुलेंस को सूचना दिए और गंभीर रूप से घायल धर्मेंद्र बोरकर को लालबर्रा के शासकीय अस्पताल लाये जहां पर डॉक्टर ने धर्मेंद्र बोरकर को मृत घोषित कर दिये। लालबर्रा पुलिस ने इस मामले में संजय माने और उसके भाई विक्की माने के विरुद्ध अपराध क्रमांक 347 / 2020 में धारा 302 341 427 34 भादवि, धारा 3(2)(v) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और धारा 25 (बी)आर्म्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर इस मामले में दोनों भाई को गिरफ्तार किये। और विवेचना अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र बालाघाट की विशेष अदालत में पेश किया गया था।
यह मामला अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की विशेष अदालत में चला। जहा अभियोजन पक्ष आरोपी संजय माने और उसके भाई विक्की माने के विरुद्ध धारा 302, 34 भादवि के तहत आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरुप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थिति और गंभीर की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपी संजय माने और विक्की माने दोनों ग्राम बेलगांव निवासी को को धारा 302 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये।