ग्राम पंचायत बुदबुदा अंर्तगत आने वाले धानीटोला में एक सप्ताह पूर्व हुई सड़क दुर्घटना में मृतक के समर्थन में इस ग्राम के लोगों ने चक्काजाम कर दिया था और स्पीड ब्रेकर बनाये जाने की मांग की थी। यह मार्ग वारासिवनी कटंगी को सीधे जोडऩे के अलावा महाराष्ट्र को भी छूता है। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा साफ तौर पर चक्काजाम के दौरान कहा गया था की अगर शीघ्र ही स्पीड ब्रेकर नही बनाये गये तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे। आनन फानन में प्रशासन जागा और एमपीआरडीसी को बोलकर जो ब्रेकर उसी दिन बने थे वे आज की तिथी में चूर चूर हो गये है जिसके चलते ग्रामीण १० फरवरी से उग्र आंदोलन व चक्काजाम करने की कार्य योजना में जुट गये है।
४ की जगह २ ही स्पीड ब्रेकर बनाये जो आधे अधूरे – पीतांबर
पद्मेश को जानकारी देते हुये पूर्व जनपद सदस्य पीतांबर नागेश्वर ने बताया की हमने इसी शर्त पर आंदोलन घटना के दिन समाप्त किया था की हमें ४ स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाकर दिये जाये। मगर इन्होने २५ जनवरी के दिन सिर्फ दो स्थानों पर ही स्पीड ब्रेकर बनाये जो आधे अधूरे है। जिसके कारण से आज भी लोग अपने दुपहिया व चौपहिया वाहन तेजी से ले जा रहे है। श्री नागेश्वर ने बताया की यह एक्सीडेंट पाईंट है। इस मुख्यमार्ग पर ही शासकीय स्कूल व आंगनबाड़ी स्थित है। ऐसे में प्रशासन को सोचना चाहिये की लोगों की सुरक्षा कैसे की जाये।
बेलगाम दौड़ रहे वाहन – टिकेश
इसी तरह छात्र टिकेश पंचेश्वर ने कहा की हम लोग प्रतिदिन वारासिवनी व कटंगी की तरफ जाते है। मगर मार्ग पर हमारे ग्रामों से होकर दौड़ रहे वाहनों की स्पीड इतनी ज्यादा होती है की हम लोग घबरा जाते है। ऐसे में हम शासन प्रशासन से यह मांग करते है की मुख्य मार्ग पर स्थित हमारे धानीटोला में स्पीड ब्रेकर तत्काल बनाया जाये।
हमारी प्रशासन से १ सूत्रीय मांग – रमेश
वही ग्राम के वृध्द नागरिक रमेश भारद्वाज ने पद्मेश को बताया की २५ जनवरी २०२३ की घटना में हमारे ग्राम के एक होनहार बालक जिसकी उम्र २० वर्ष की थी वो एक तेज रफतार मेटाडोर की चपेट में आने से खत्म हो गया था। इसके पूर्व भी अनगिनत घटनाऐं हो चुकी है। जिसके बाद ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर इस मार्ग पर चक्काजाम कर दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद हमने इस चक्काजाम को समाप्त कर उनसे सिर्फ अपनी १ सूत्रीय मांग रखी थी की ग्राम पंचायत बुदबुदा अंर्तगत आने वाले धानीटोला में ४ स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाये। जिसे सहज स्वीकार भी कर लिया गया था। मगर जो स्पीड ब्रेकर बनाये गये वे गुणवत्ता विहिन थे वही सिर्फ दो स्थानों पर ही एमपीआरडीसी ने ब्रेकर बनाये थे जो वाहनों की वजह से रोड़ में ही समा गये है। हम चाहते है की प्लास्टिक वाले स्पीड ब्रेकर लगाये जाये ना की डामर वाले बनाये जाये। शीघ्र ही हम लोग १० फरवरी या उसके अगले दिन उग्र आंदोलन करेंगे।
गंभीरता के साथ करूंगा विभागीय स्थल का निरिक्षण – दीपक
इस संबंध में जब एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक दीपक आड़े से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होने बताया की में इस मामलें में गंभीरता से संज्ञान लेते हुये विभागीय तौर पर क्या हो सकता है इस बात का स्थल निरिक्षण करने के बाद ही कुछ बता सकता हूॅ।