जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बालाघाट शाखा वारासिवनी अंतर्गत समस्त सेवा सहकारी समितियां के द्वारा शासन के निर्देश अनुसार धान उपार्जन कार्य किया जा रहा है। यह कार्य शासन के अनुसार 1 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है जिसका समापन 19 जनवरी को होना है ऐसे में किसानों के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है जिससे कि समय रहते किसान की समस्त उपज शासन के द्वारा खरीदी की जा सके किसी भी किसान को इस लाभ से वंचित होकर परेशानी का सामना न करना पड़े। परंतु वर्तमान में देखा जा रहा है कि शासन को उपज देने के लिए सेवा सहकारी समितियां में किसानों की भीड़ लगी हुई है जिन्हें परेशानियों का सामना कर शासन को अपनी उपज देने के लिए निस्तार करना पड़ रहा है जो उन्हें निर्धारित समय में यह कार्य असंभव नजर आ रहा है। जिसके चलते उन्हें समर्थन मूल्य पर उपज देने से वंचित होने का डर लगा हुआ है जो काफी चिंतित नजर आ रहा है।
डंप से किसानों को हो रही असुविधा
वारासिवनी अंतर्गत सेवा सहकारी समितियां में बड़ी मात्रा में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया धान डंप पड़ा हुआ है ऐसे में स्थान की कमी बनी हुई है तो वही परिवहन के लिए लंबे समय तक ट्रक खड़ा कर दिया गया है इससे व्यवस्था बाधित हो रही है। किसान अपनी उपज शासन को देने के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं वही वेयरहाउस में ट्रकों के आने जाने से समस्या बनी हुई है जिसके कारण गोदाम के दरवाजे से दूर रखे गए धान की खरीदी संभव नहीं हो पा रही है। वहीं बाद में आने वाले किसान अपना धान दरवाजे के पास रख रहे हैं जिसे पहले खरीदा जा रहा है ऐसे में कुछ किसानों को 2 से 3 दिन तक इतनी सर्दी में रात गुजार कर इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान कुछ सोसाइटी में तो खरीदी का 50 या 70 प्रतिशत धान डंप पड़ा हुआ है।
मौसम से हुए किसान लेट
शासन के द्वारा 1 दिसंबर से धान खरीदी कार्य प्रारंभ करवा दिया था परंतु व्यवस्था खरीदी केंद्रों में नहीं की गई थी जिसके कारण 10 से 12 दिन बाद खरीदी कार्य प्रारंभ हुआ था। उसके बाद बीच में 4 से 5 दिन मौसम खराब रहा जिसमें होने वाली बारिश के कारण किसानों की उपज में नमी आ गई या थोड़ी भीग गई थी। इससे एफएक्यू क्वालिटी मैं नमी होने के कारण किसानों को अपनी धान सुखाने में समय लगा जिसके कारण किसान खरीदी केंद्रों में देरी से पहुंच रहा है। वही मौसम खराब होने के दौरान धान खरीदी बंद रही उस दिन की खरीदी के लिए स्लॉट बुक करने वाले किसानों को भी समस्या का सामना करना पड़ा।
यह है स्थिति
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बालाघाट शाखा वारासिवनी अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए सेवा सहकारी समितियां के 13 खरीदी केंद्र स्थापित किए गए थे। जिसमें कल दर्ज किसानों में से 7049 किसानों के द्वारा स्लॉट बुक करवाया गया था जिसमें से 6664 किसानों के द्वारा 13 खरीदी केंद्रों पर 342370 क्विंटल धान खरीदी की गई है। इसमें से 234814.2 क्विंटल धान का परिवहन हो गया है वही 107556 क्विंटल धान वर्तमान में खरीदी केंद्रों में डंप पड़ा हुआ है। वही 385 किसान अभी अपनी उपज देने के बचे हुए हैं वहीं कुछ किसान स्लॉट बुक करने का प्रयास कर रहे।
किसान गगन बिसेन ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अपने निर्धारित समय से 10 से 12 दिन बाद प्रारंभ हुई जिसकी 19 जनवरी को अंतिम तारीख है इस बीच मौसम खराब होने से किसान गहानी नहीं कर पाया। अभी बीच में स्लाट बुकिंग नहीं होने एवं बारदाना की समस्या बनी रही जिसमें तीन से चार दिन तक किसान परेशान हुआ मेरे द्वारा स्वयं अपनी धान देने के लिए 7 दिन लगा इस प्रकार से स्थिति बनी हुई है। अभी खरीदी केंद्र में किसानों की कतार लगी हुई है जिसे देखते हुए 19 जनवरी जो अंतिम दिन है वह आगे बढ़ाया जाना चाहिए जिससे की संपूर्ण किसान अपनी उपज शासन को दे सके। गहानी खत्म हो गयी है किंतु बारिश से धान जो गीला हुआ था वह एफएक्यु कि क्वालिटी में नहीं आता जिसकी नामी खत्म करने के लिए सुखाना पड़ा इस प्रकार किसान को तकलीफ हो रही है।
किसान चेतसिंह गौतम ने बताया कि हमारा 100 कट्टी धान समिति ने स्टॉक में रख दिया है 140 कट्टी धान अभी बाहर रखी हुई है हम उन्हें बोल रहे हैं कि पूरा धान अंदर रखकर उन्हें फ्री किया जाए परंतु ऐसा नहीं हो रहा है। यदि कल को हमारे धान की कट्टी चोरी होती है तो समस्या हमें होगी 3 दिन से यहां पर धान बेचने आए हैं अभी तक हमारे साथ समस्या बनी हुई है। 19 जनवरी के बाद यह खरीदी खत्म हो जाएगी यदि शासन ने हमारा धान अंदर नहीं रखा और हमारे जैसे अनेको किसान जो यहां आए हैं उनकी खरीदी नहीं हो पाई तो वह वंचित हो सकते हैं जिसके लिए तारीख बढ़ाना चाहिए। क्योंकि किसान तो मौसम और समिति की समस्याओं से परेशान रहा है करीब चार दिन तक खरीदी बंद रही है इन्हें इधर ध्यान देना चाहिए।
किसान विवेक एड़े ने बताया कि धान उपार्जन को लेकर खरीदी केंद्र की समस्या नहीं है किंतु 19 जनवरी अंतिम समय है धान खरीदी का वर्तमान में बहुत सारे किसान हैं जिनकी उपज शासन ने नहीं खरीदी है। वह परेशान हो रहे हैं वही संपूर्ण धान अभी सोसाइटी भी नहीं पहुंच पाया है तो इन्हें ऐसे किसानों को ध्यान में रखते हुए आगे की नीति तैयार करनी चाहिए। यदि थोड़ा भी तारीख बढ़ जाता है तो किसानों को इसका लाभ मिल जाएगा और वह वंचित होने से बचेंगे वरना वंचित होना तय है।
इनका कहना है
शाखा वारासिवनी अंतर्गत 13 धान खरीदी केंद्रों में किसानों का धान खरीदी कार्य किया जा रहा है। जिसमें मुख्य समस्या डंप की है जिसके कारण खरीदी में समस्या बन रही है। ऐसे में वर्तमान तक स्लॉट बुक करे हुए कृषक में से 385 ऐसे कृषक बचे हुए हैं जो शासन को अपनी धान देने के हैं वर्तमान तक तारीख बढ़ाने की कोई जानकारी नहीं है यह शासन का काम है।