समर्थन मूल्य पर किसानों के धान उपार्जन के लिए जिले में 181 केंद्र बनाए गए हैं। इस दौरान किसानों की धान उपार्जन करने का कार्य किया जा रहा है लेकिन परिवहन व्यवस्था न होने के चलते किसानों की भारी मात्रा में धान उपार्जन केदो में पड़ी हुई है । जिससे किसानों और धान खरीदी केंद्र प्रभारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस खबर को बालाघाट एक्सप्रेस और पद्मेश न्यूज़ के द्वारा 13 दिसंबर को प्रकाशित किया गया था। जहां खबर का संज्ञान लेते हुए प्रशासन हरकत में आया और तुरंत ही परिवहन की व्यवस्था बनाई। जिसको लेकर किसानों और दान खरीदी केंद्र प्रभारी ने खुशी का इजहार किया है। आपको बताएं कि 1 दिसंबर से शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर 181 धान खरीदी केंद्र बनाए गए है। जिसमे किसानों से 30 हजार मेट्रिक टन धान खरीदी की गई है। जहा धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नही होने से आधे से ज्यादा धान खरीदी केंद्रों में धान से भर गया था। जिसके चलते नई धान लेकर आने वाले किसानों को धान रखने की समस्या हो रही थी ,तो वही तौल काटा करने पर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था । जहां खबर का प्रकाशन के बाद परिवहन का इंतजाम होने से इन लोगों को निजात मिली है। सेवा सहकारी जागपुर समिति के प्रबंधन सुरेंद्र राहंगडाले ने दूरभाष पर चर्चा करते हुए बताएं कि पद्मेश न्यूज़ के द्वारा धान खरीदी केदो से धान का परिवहन न होने की खबर को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद विभाग के द्वारा संज्ञान लेते हुए शीघ्र ही परिवहन की व्यवस्था की गई है। पद्मेश न्यूज़ और बालाघाट एक्सप्रेस का बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। उन्होंने आगे बताया की 14 दिसंबर से धान का परिवहन का कार्य किया जा रहा है। आठ गाड़ियों से धान का परिवहन हो चुका है। अभी तक हमारे केंद्र में साढ़े तीन हजार कुंटल धान की खरीदी की गई है। और 2300 कुंटल धान का परिवहन हो चुका है और भी बचा हुआ है ।जिसे जल्द ही उठा लिया जाएगा ।ऐसी व्यवस्था रहेगी तो खरीदी केदो में कोई समस्या नहीं आएगी।
30 हजार मेट्रिक टन की हुई धान खरीदी
दूरभाष पर चर्चा करते हुए डीओमो रघुवंशी ने बताया कि अभी तक समर्थन मूल्य में 30000 मेट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। जिसके परिवहन के लिए जिले मिलर्स को दे दिया गया है और उनके डीओ भी कट रहे है। साथ 6 हजार मेट्रिक टन गोदाम में ही रखा गया है।