नपा का यह कैसा स्वच्छता अभियान?

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नगर को साफ सुथरा सुंदर व आकर्षक बनाकर नगर का सौंदर्यीकरण करने का दावा करने वाली नगरपालिका साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपए टैक्स तो वसूल रही है लेकिन टेक्स के मुताबिक लोगों को सुविधाए दिए जाने में नपा प्रबंधन अब भी नाकाम नजर आ रहा है। जहां साफ-सफाई को लेकर जहां-तहां स्वच्छता अभियान चलाने का दावा करने वाली नगरपलिका स्वयं लोगों को गंदगी के बीच रहने के लिए मजबूर कर रही है। जिसका नजारा इन दिनों नगर के विभिन्न वार्डों में देखने को मिल रहा है। जहां लेटलतीफी रवैया अपनाकर नालियों की साफ-सफाई तो कराई जा रही है लेकिन नालियों से निकलने वाले मलमें को नहीं उठाया जा रहा है। जिसके चलते गंदगी के बीच लोग रहने के लिए मजबूर है ,तो वहीं नालियों से निकाले गए मलमे का उठाव ना होने के चलते नालियों से निकाला गया मलमा पुनः नालियों और वार्डो की सड़कों में बिखरता हुआ नजर आ रहा है । ताजा मामला नगर के वार्ड नंबर 27 का है जहां 3 से 4 दिनों पूर्व की गई नालियों की सफाई का मलमा सड़क किनारे पड़ा है, तो वहीं करीब 1 सप्ताह पूर्व निकाले गए मलबे का अब तक उठाव नहीं हो पाया है। जिसपर अपनी नाराजगी जताते हुए वार्ड वासियों ने नपा प्रबंधन क उदासीन । पर आक्रोश व्यक्त किया है जहां उन्होंने साफ सफाई की नियमित व्यवस्था करने, घरों से निकलने वाले कचरे और नालियों के मलमें का तत्काल उठाओ किए जाने की मांग की है। वहीं वार्ड पार्षद द्वारा विपक्षी पार्षदों के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए समस्या का निराकरण न होने पर विपक्षी पार्षदों के साथ ठोस रणनीति बनाए जाने की चेतावनी दी गई है।

वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान वार्ड नंबर 27 पार्षद आशुतोष डहरवाल ने बताया कि वे नगरपालिका में विपक्षी पार्षद है विपक्षी पार्षद होने के चलते उनके साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है समय पर कर्मचारी नहीं दिए जा रहे हैं नाली सफाई सहित अन्य कार्यों के लिए ट्रैक्टर जेसीबी आदि नपा द्वारा नहीं दी जा रही है । जिन्होंने इस भेदभाव पूर्ण रवैया पर नाराजगी जताते हुए समस्या का निदान ना होने पर विपक्षी पार्षदों के साथ बैठक कर नपा प्रबंधन के खिलाफ ठोस रणनीति बनाए जाने की चेतावनी दी है

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