नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा शहर के वार्ड नंबर 11 बस स्टैंड रानी अवंती बाई चौक से लेकर गोविंदपुरम डॉक्टर कॉलोनी तक लगभग 150 मीटर नाली का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में स्वीकृत किया गया। कागजों पर नाली पूरी भी हो गई। इस नाली निर्माण के विषय मे जब हमने नगर पालिका के अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की तो सभी के सभी इस पूरे मामले से बचते हुए दिखाई दिए।
चलिए आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं दरअसल नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा वर्ष 2018 में शहर के वार्ड नंबर 11 बस स्टैंड के निकट चर्च कंपाउंड से लेकर डॉक्टर कॉलोनी गोविंदपुरम तक नाली निर्माण कार्य लगभग 4 लाख रुपिये से स्वीकृत कर दिया गया। लेकिन इस दौरान बस स्टैंड से सागौन वन तक सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ, तो नाली का काम रोक दिया। कुछ महीने में सड़क का निर्माण कार्य पूरा तो हो गया लेकिन नाली आज तक नहीं बन पाई?
ऐसा केवल मैदानी स्तर पर हुआ कागजी स्तर पर तो नाली का निर्माण कार्य पूरा हो गया। जी हां आप सही सुन रहे हैं और सही देख रहे हैं , कि कागज पर नाली का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है नगरपालिका के एजेंडे में स्वयं इस बात को शामिल कर लिया गया है, कि इस स्थान पर नाली का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
बीते कई वर्षों से इस क्षेत्र के लोग नाली निर्माण की मांग कर रहे हैं इसी समस्या के विषय में जानकारी लेने के लिए जब हम चर्च कंपाउंड क्षेत्र में पहुंचे तो लोगों ने बताया कि आज भी नाली का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है यदि नगरपालिका द्वारा कागज में नाली का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है तो यह बहुत अधिक गलत बात है इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
बस एसोसिएशन के सचिव श्याम कौशल बताते हैं कि उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी है इस स्थान पर नाली का निर्माण कार्य होना था। जिसके लिए 4 लाख रुपिये से अधिक की राशि स्वीकृत हुई थी। बकायदा इसका टेंडर हुआ था लेकिन निर्माण कार्य नहीं हुआ पैसा कहां गया नगरपालिका ने क्या गोलमाल किया इस विषय पर उन्हें जानकारी नहीं है।
वार्ड नंबर 11 की निवर्तमान पार्षद रामलाल बिसेन भी स्वयं इस बात को स्वीकार करते हैं कि नाली के लिए टेंडर का कार्य पूरा हो चुका था। लेकिन बस स्टैंड से सागौन वन तक सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद नाली निर्माण किए जाने की बात कही गई। इस कारण नाली निर्माण कार्य रोक दिया गया। लेकिन उसके बाद नाली का निर्माण कार्य नहीं किया गया। अब नगरपालिका के कागजों में यह नाली पूर्ण दिखाई जा रही है। यह बेहद संगीन मामला है। इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। जिससे इस बात का खुलासा हो सके हो सके कि आखिरकार नाली निर्माण कार्य की राशि का उपयोग कहा किया गया या फिर उसका दुरुपयोग हो गया।
इस विषय पर जब हमने नगर पालिका परिषद बालाघाट की इंजीनियर वंशिका राजपूत से चर्चा की उन्होंने यही जानकारी दी कि वे लम्बे समय से अवकाश पर थी, इस नाली के निर्माण की पूरी जानकारी उन्हें नहीं है। वहीं दूसरी और जब नगरपालिका के सीएमओ सतीश मटसेनिया से हमने चर्चा की तो उन्होंने भी जानकारी दी कि इसकी पूरी फाइल निकाली जाएगी जिसके बाद ही जानकारी दे सकेंगे।
इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि नगरपालिका के भीतर किस तरह का कार्य चल रहा है की एक नाली निर्माण के विषय में इंजीनियर से लेकर अधिकारियों को जानकारी नहीं है फिर ऐसा क्या हुआ कि नाली निर्माण कार्य कागजों में पूरा दिखा दिया गया। आखिरकार यह सब कुछ जांच का विषय है कि ऐसा और कितने मामलों में नगर पालिका के द्वारा ऐसा किया गया है यह एक अकेला मामला है या और भी और भी मामलों में इसी तरह की लापरवाही और अनियमितता बरती गई है?