नपा के सामूहिक विवाह आमंत्रण पत्र में किसी के नाम को सम्मान तो किसी के नाम का अपमान?

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प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी शासन की मंशानुरूप नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है। जो नगर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में 12 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। जिसमें लगभग 100 युवक-युवतियों के विवाह का लक्ष्य रखा गया है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर नगर पालिका द्वारा तैयारियां की जा रही है, तो वहीं बालाघाट नगर पालिका इस आयोजन को भव्य रुप से संपन्न कराने की बात कही है। इस सामूहिक विवाह आयोजन को लेकर महज 2 दिन बचे हैं तो अब इसके आयोजन को लेकर बालाघाट नगर पालिका द्वारा छपवाए गए आमंत्रण पत्र को लेकर नपा एक बार फिर विवादों में नजर आ रही है। जहां आमंत्रण पत्र में अध्यक्ष और महिला सभापतियो का नाम राजपत्र में प्रकाशित नामों के आधार पर सम्मान पूर्वक
लिखा गया है। तो वहीं उसी आमंत्रण पत्र में बाकी पार्षदों के नाम, ना तो राजपत्र में प्रकाशित नामों के आधार पर लिखे गए हैं और ना ही उन पार्षदों के नाम के सामने सम्मान पूर्वक नाम छपाए गए हैं। जिसको लेकर शुक्रवार को कुछ पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए राजपत्र में प्रकाशित नामों के आधार पर सम्मान पूर्वक सभी पार्षदों के नाम ना लिखे जाने को लेकर जमकर हंगामा मचाया। वही आमंत्रण पत्र में महिला पार्षदों के नाम खड़ी भाषा मे लिखे जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने मुख्य नगरपालिका अधिकारी से जमकर बहस की। जहां विपक्षी पार्षदों और पार्षद प्रतिनिधियों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी से सम्मान पूर्वक नाम ना लिखे जाने पर गर्मागर्म बहस की । जिनके बीच लंबे समय तक सम्मान पूर्वक नाम छपा ने को लेकर हॉट टॉक चलती रही। जहां इस आमंत्रण पत्र के नामों पर आपत्ति जताने वाले पार्षदों और पार्षद प्रतिनिधियों ने दोबारा ऐसी गलती होने पर कार्यवाही की चेतावनी दी है।

किसी को नहीं मालूम, कि किसने छुपाया आमंत्रण पत्र ?
नगर पालिका परिषद किसके आदेश पर चलती है और कौन क्या आदेश देकर क्या काम करवाता है यह तो प्राय: सभी जानते हैं।लेकिन नपा द्वारा आयोजित इस सामूहिक विवाह का आमंत्रण पत्र किसने छपवाया है। इसकी जानकारी खुद मुख्य नगरपालिका अधिकारी या योजना शाखा प्रभारी तक को नहीं है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि ये आरोप आमंत्रण पत्र में अपमान पूर्वक पार्षदों के नाम छपवाने को लेकर सीएमओ से हॉट टॉक कर रहे पार्षदों और पार्षद प्रतिनिधियों ने लगाया है । जिनके पूछे जाने पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी और योजना शाखा के प्रभारी ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए स्पष्ट कह दिया कि उन्हें नहीं मालूम कि यह आमंत्रण पत्र किसने और कब छपवाया है। इतना सुनते ही पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर भड़क गए। जिनके बीच जमकर गर्मागर्म बहस हुई। इतना ही नहीं पार्षदों ने यहां तक कह दिया कि यदि दोबारा ऐसी गलती हुई तो फिर कार्रवाई की जाएगी।

नल कनेक्शन काटने के आदेश पर भी बिफरे पार्षदगण
बताया जा रहा है कि नगरपालिका ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने नगर मे बिना टोटी वाले बहते नलों के कनेक्शन काटने के आदेश दिए हैं। इस आदेश पर विपक्षी पार्षदों और पार्षद प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई है।पार्षद प्रतिनिधियों का आरोप है कि जल आवर्धन योजना का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। ना ही ठेकेदार में यह कार्य नपा को हैंडओवर किया है। ऐसे में नगर पालिका को नल कनेक्शन काटने के आदेश देने का अधिकार ही नहीं है। बावजूद इसके भी नगर पालिका द्वारा नल कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं। जहां शुक्रवार को आमंत्रण पत्र में सम्मान पूर्वक पार्षदों के नाम ना लिखने और नल कनेक्शन काटने के आदेश जारी करने की बात पर आपत्ति जताते हुए पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी से जमकर बहस की।

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