जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत कोसते के किसान नहर का पानी खेतों तक नहीं पहुंचते से बहुत परेशान है जिससे वह सिंचाई विभाग पर आक्रोशित है। ग्रामीणों के द्वारा लगातार सिंचाई विभाग के द्वारा नहर से खेत तक पानी आने के लिए सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की जा रही है जिसके लिए निकोबार शिकायत की गई है और उस शिकायत पर अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण भी किया गया है परंतु विभाग के द्वारा इस ओर किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण किसानों की किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है ऐसे सैकड़ों किसान हैं जिनके खेतों तक एक बूंद पानी सिंचाई परियोजना का नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में उनकी फसल पर असर पड़ रहा है जिससे वह बेहद आक्रोशित है। उन्होंने शासन प्रशासन से व्यवस्था बनाए जाने की मांग की है।
जगह-जगह टूट फूट से व्यर्थ बह रहा पानी
यहां यहां बताना लाजमी है कि ग्राम पंचायत कासपुर से एक माइनर नहर ग्राम पंचायत कोसते आती है जो थानेगांव की सीमा पर जाकर समाप्त होती है जिसमें जगह-जगह टूट-फूट हो जाने के कारण उसका पानी व्यर्थ रूप से बाहर अन्यंत्र स्थानों पर बहता रहता है। जिसके कारण नहर के पानी की गति पर भी प्रभाव पड़ता है और पर्याप्त रूप से पानी ग्राम पंचायत कोसते तक नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में किसानों को अपने खेतों में पानी लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है रात भर जाग कर पानी चलाना होता है फिर भी पानी पर्याप्त रूप से नहीं मिल पाता है जिससे किसान बेहद परेशान है।
विभाग प्रतिवर्ष कर वसूल करता है
गैरतलब है कि कोसते में 50 प्रतिशत ही किसान ऐसे है जिन्हें कासपुर से आई माइनर नहर का पानी खेती के लिए उपलब्ध हो पाता है। बाकी अन्य 50 प्रतिशत में कुछ किसानों के खेतों में कड़ी मशक्कत के बाद यह पानी पहुंचता है तो कुछ ऐसे किसान होते हैं जिनके खेत में एक बूंद पानी नहीं आता है। इस दौरान खेतों में पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई नाली पूरी तरह क्षतिग्रस्त या टूट-फूट हो गई है परंतु प्रत्येक किसान से विभाग के द्वारा सिंचाई का प्रतिवर्ष कर वसूला जाता है। जिसके लिए ग्रामीणों के द्वारा मांगी की जा रही है कि विभाग के द्वारा जब रुपए लिए जाते हैं तो उन्हें पानी भी उपलब्ध कराया जाये।
ग्रामीण तेजराम राउत ने बताया कि कासपुर नहर से एक माइनर यहां आता है जिसमें पानी की समस्या है हमें रात भर जागना पड़ता है और बहुत मुश्किल से पानी खेतों तक आता है। पर्याप्त पानी नहीं उतर पाता है इसके लिए हमें मोगे बांधने पड़ते हैं इसको लेकर हम किसानों के द्वारा अनेकों बार शिकायत विधायक व सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं बालाघाट में भी शिकायत की गई है पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है यह समस्या सभी को है। श्री राउत ने बताया कि पंचायत ने अभी ऊपर कि नाली साफ करें है हमारे इधर की खेत नाली साफ नहीं करी है जो आगे की जाएगी कहते हैं। अब करें ना करें हमें तो करना ही पड़ेगा हम चाहते हैं कि सुचारू रूप से पानी हमें मिले और जो व्यर्थ में पानी मोंगो से बहता है उस पर रोक लगाई जाये।
किसान देवराज भोरगड़े ने बताया कि हमारे खेत में नहर का पानी नहीं आता है इससे सिंचाई नहीं हो पाती है और इसका असर फसल पर पड़ता है। हमारे यहां खेत नाली बनी हुई है पर उसका सुधार कार्य किया जाना चाहिए जिससे कि पानी व्यवस्थित रूप से खेतों तक पहुंच पाए अभी तक काम नहीं हुआ है। पिछले 5 वर्षों से कई बार हमने शिकायत दी है और नहर विभाग के अधिकारी के द्वारा इसका निरीक्षण भी किया गया है पर कुछ नहीं हुआ है। श्री भोरगड़े ने बताया कि हमारे खेतों में पानी आए या ना आए किंतु सिंचाई विभाग का पैसा बंधा रखा है। जिसके लिए विरोध भी किए पर हमारी सुनता कोई नहीं है पानी के पाठ अब बुझने लगे हैं।
किसान संदीप भोरगड़े ने बताया कि खेतों में पानी आने वाला पाठ अनेकों स्थानों पर गायब हो गया है जिसमें से कुछ स्थान से मोंगे चोरी हो गए है तो कई स्थानों पर जमीन में दब गए हैं जिसके कारण कई वर्षों से खेतों की ओर पानी आना बंद पड़ा हुआ है। कुछ स्थानों पर पानी आता भी है तो पाठ के कारण अव्यवस्थित रूप से बहता रहता है जिस पर विभाग का कोई ध्यान नहीं है। श्री भोरगड़े ने बताया कि ऐसी स्थिति में नहर विभाग के द्वारा कोई सुधार कार्य नहीं किया जाता है जिसके लिए हम किसानों को समय-समय पर सुधार कार्य करना होता है। सिंचाई विभाग का कर लेने के लिए बराबर अधिकारी आते हैं जो हर वर्ष समय से लेते हैं और यदि नहीं दो तो कुर्की लाते हैं 5 वर्ष से यही स्थिति बनी हुई है।
इनका कहना है
दूरभाष पर बताया कि उनके द्वारा प्रभार लेने के बाद से इस विषय पर किसी के द्वारा समस्या नहीं बतायी गया है परंतु ऐसी स्थिति है तो तत्काल उक्त ग्राम पंचायत का निरीक्षण कर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जायेगा।
एचआर ठाकरे एसडीओ
सिंचाई विभाग वारासिवनी