इस बार भी शिव भक्तों के हाथों में निराशा ही हाथ लगी। महाशिवरात्री के दौरान उपजेल के अंदर प्रसिध्द व प्राचीन शिव मंदिर के पाट न खुलने से उन्हे जेल के बाहर से ही बगैर भगवान भोले के दर्शन किये लौटना पड़ा। गौरतलब है की क्षेत्र के लोगों की उपजेल में स्थित इस शिव मंदिर में काफी आस्था है मगर शासन के दिशा निर्देश पर आम जनमानस व श्रृध्दालुभक्तों को अंदर आने की इजाजत नही है। बीते करीब ६ वर्ष से यह सिलसिला चल रहा है मगर भक्त गण इसी आस में आते है की शायद इस वर्ष महाशिवरात्री पर्व पर शिव के दरवाजे खुल जाये। मगर इस वर्ष भी ऐसा नही हो सका। हालांकि विचाराधीन कैदियो के साथ ही स्वयं जेलर व उनके स्टॉफ ने महाशिवरात्री पर्व धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप मनाया और हवन पूजन के बाद महा प्रसादी का वितरण किया। इस दौरान जिन विचाराधीन कैदियों का उपवास था उन्हे उपवास के दौरान देने वाली सामग्री व जिन्हे भोजन करना था उन्हे भोजन परोसा गया।
काफी वर्ष से नही खोले जा रहे पट जिससे भक्तों में निराशा – कन्हैया
इसी तरह शिव भक्त जो खरखड़ी खैरलांजी निवासी कन्हैयालाल भगत थे वे अपने परिवार के साथ आये हुये थे जिन्होने पद्मेश को बताया की उपजेल में स्थित शिव मंदिर काफी प्राचीन मंदिर में शामिल है। वे पूर्व समय अपने पिता व माता के साथ इस मंदिर में स्थित भगवान शिव की आराधना हमेशा महाशिवरात्री पर्व में करने आते थे। बीते कुछ वर्ष से मंदिर के पाट नही खोले जा रहे है। जिससे हम शिवभक्तों में काफी निराशा है।
शासन के नही है आमजनमानस के लिये पट खोलने के निर्देश – अभय वर्मा
जेलर अभय वर्मा ने पद्मेश को बताया की शासन के दिशा निर्देश अनुसार ही हमारे द्वारा कार्य किया जा रहा है। शासन ने लगभग ६ वर्ष पूर्व से उपजेल के अंदर स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पाट आम जनमानस के लिये न खोले जाने के आदेश दिये है। जिसका हमारे द्वारा पालन किया जा रहा है। महाशिवरात्री पर्व हमारे पूरे स्टॉफ व विचाराधीन कैदियों ने एक साथ मिलकर धार्मिक आस्था के साथ मनाया है। इस दौरान कई लोग हम से गुजारिश करते रहे की हमें मंदिर के दर्शन करने दीजिये मगर कैदियों की सुरक्षा के चलते व शासन के आदेश के कारण हमने उनसे कह दिया यह संभव नही है।










































