मजदूर के पशीने की गाड़ी कमाई अगर उसे समय पर न मिले तो उसे कितनी तकलीफ होती है यह वही जानता है। वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि मनरेगा योजना में कार्य किये जाने वाले मजदूरों को करीब ४ से ५ माह का भुगतान वर्ष २०२३ का नही हुआ है। जिससे वे काफी परेशान नजर आ रहे है। उन पर आर्थिक भार पडऩे के साथ ही परिवार के लालन पालन किये जाने में भी काफी दिक्कत हो रही है। इसी तरह का एक मामला ग्राम पंचायत कौलीवाड़ा में देखने आया है। जहां मजदूरों की करीब ४ से ५ माह की मजदूरी मनरेगा योजना के तहत नही हुई है। हालाकि ग्राम पंचायत की तरफ से इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर को राशी आवंटन किये जाने आवेदन तक किया गया है।
मैने किया था ग्रेवल सडक़ निर्माण में कार्य – ओमप्रकाश ठाकरे
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये ग्रामीण ओमप्रकाश ठाकरे ने बताया कि मेरे द्वारा कौलीवाड़ा में ग्रेवल सडक़ पर मनरेगा योजना के अंर्तगत कार्य किया गया था। मगर अभी तक उन्हे मजदूरी अप्राप्त है। हमारा होली पर्व भी बगैर पैसे के मना वही वर्तमान में भी हमे हमारे खाते में कोई पैसा नही आया है। हम लोग लगातार ३ माह से अपने पैसे के लिये सरपंच व सचिव के चक्कर काट रहे है मगर हमारा भुगतान लंबित है। हम लोग गरीब लोग है ऐसे में महंगाई भरे दौर में हम अपने परिवार का लालन पोषण कैसे करेंगे।
दो माह पूर्व खाते में आयी थी कुछ राशी – देवीप्रसाद आमाडारे
इसी तरह मजदूर देवीप्रसाद आमाडारे ने पद्मेश को बताया कि उन्हे १ रूपये मजदूरी लंबे समय से नही मिली है। उन्होने मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड लगाकर सडक़ निर्माण में मजदूरी की थी। मगर उन्हे दो माह पूर्व उनके खाते में कुछ राशी आयी थी। मगर जो बकाया मजदूरी है वो अभी तक नही आयी है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वे लगातार सरपंच को इस समस्या को बता रहे है जिनके द्वारा भी मजदूरी दिलाये जाने का प्रयास किया जा रहा है मगर यह कार्य संभव नही हो पा रहा है। हम यही चाहते है कि जो मजदूरी रूकी हुई है उसे हमे दिया जाये।
५ से ६ माह हो गये नही हुआ मनरेगा राशी का भुगतान – सुनिल राणा
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये सरपंच प्रतिनिधि सुनिल राणा ने बताया कि ५ से ६ माह हो गये मनरेगा योजना के तहत जो कार्य करवाये गये थे उसका भुगतान मजदूरों के खाते में नही आया है। मजदूर आते जरूर है मगर वे उस ढ़ंग से हमे परेशान नही कर रही है हमे परेशान सरकार कर रही है। मनरेगा योजना का पैसा मजदूरो के खाते में ३१ मार्च को ही डल जाना था क्योकि वित्तीय वर्ष २०२३ का आखरी दिन था। अब हमे यह भुगतान करवाने के लिये पुन: प्रयास करना पड़ेगा वही जिनसे हम लोग निर्माण सामग्री खरीदते है उनके भुगतान भी लंबित है। हमारे द्वारा पूर्व समय आये मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल को भी इस बारे में सरपंच संघ के माध्यम से आवेदन दिया गया था। अब आचार सहिंता चल रही है ऐसे में भुगतान नही हो पायेगा। जब आचार सहिंता हटेगी तब ही भुगतान हो पायेगा। यह जानकारी जिला सीईओ व कलेक्टर को भी है। वारासिवनी जनपद ही नही जिले की अधिकांश जनपद में मनरेगा का भुगतान नही हुआ है।