लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की विशेष अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी देवीलाल यादव पिता कन्हैयालाल यादव , उम्र 23 वर्ष ग्राम खैरलांजी थाना बैहर निवासी को दोषी पाया विद्वान अदालत ने इस मामले में इस आरोपी को धारा 376 भादसं सहपठित धारा 3 ( 2 ) ( 5 ) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड , धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। ज्ञात हो कि लैंगिक अपराधों के बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने पिछले 3 दिन से लगातार लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में जहां दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किये वही 2 नवंबर को विद्वान अदालत ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में एक आरोपी देवीलाल को 10 वर्ष की कठोर कारावास से दंडित किए ।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/ मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि घटना वर्ष 2019 बरसात के समय की है । उस समय अभियोक्त्री घर पर अकेली रहती थी । खेत पर परहा लगाने का काम करने जाती थी । उस समय उसकी पहचान अभियुक्त देवीलाल से हो गयी थी । अभियुक्त ने उससे कहा था कि वह उससे प्यार करता है और शादी करना चाहता है । यह कहकर उसके साथ लगातार बलात्कार करता रहा । जिससे वह गर्भवती हो गयी थी । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना बैहर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । प्रकरण विवेचना में लिया गया और इस अपराध में देवीलाल को गिरफ्तार करके न्यायालय पेश किया गया था। विवेचना पूर्ण होने पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया था यह प्रकरण बालाघाट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की न्यायालय में चला विद्वान न्यायालय ने विचारण उपरांत प्रकरण में आयी सकारात्मक साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया। इस मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई ।