नाबालिक लड़की का अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में दो आरोपी को आजीवन(मरते दम तक)कारावास

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बालाघाट/ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश गौतम सिंह मरकाम की अदालत ने एक नाबालिक लड़की का अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में दो आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई दोनों आरोपी निखिल पिता महेश एशने 19 वर्ष और विशाल पिता उपकार शेद्रे 20 वर्ष दोनों ग्राम पिपरझरी थाना हट्टा निवासी है। विद्वान अदालत ने इन दोनों आरोपी को शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास के अलावा आरोपी निखिल एशने को 11 हजार रुपये अर्थदंड और आरोपी विशाल शेद्रे को 6हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।

अभियोजन के अनुसार 12 जून 2023 को सुबह 5:00 बजे यह नाबालिक लड़की अपने घर से बिना बताए चली गई थी। परिवार के लोगों ने काफी खोजबीन किये। किंतु वह नहीं मिली। इसी दिन 4:00 बजे करीब इस नाबालिक लड़की के गुम होने की रिपोर्ट उसके परिजनों ने हट्टा पुलिस थाना में की थी। हट्टा पुलिस ने इस नाबालिक लड़की की खोजबीन शुरू की, इस दौरान 20 जुलाई 2023 को राजस्थान के बनकाखेड़ा मैं यह नाबालिक लड़की निखिल एशने के कब्जे से दस्तयाब की गई थी। इस लड़की को हट्टा थाना लाकर पूछताछ की जाने पर इस लड़की ने बताई की 1 वर्ष पूर्व से उसकी निखिल से बातचीत होती थी। 11 जून 2023 की रात्रि 11:00 बजे निखिल ने उसे घर के बाहर मिलने बुलाया और बहला फुसलाकर उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा कहकर राजस्थान चलने कहा तो वह उसकी बातों में आ गई। तब निखिल के दोस्त विशाल शेन्द्रे ने मोटरसाइकिल लाया और उन्हें मोटरसाइकिल से गोंदिया रेलवे स्टेशन तक छोड़ कर चला गया। निखिल एशने ने उसे ट्रेन से गोंदिया नागपुर और कोटा ले गया। जहां से ऑटो से बनकाखेड़ा अपनी दीदी के घर ले गया। जहां शिव मंदिर में निखिल एशने ने उसकी मांग में सिंदूर भरकर शादी किया और अपनी दीदी के घर के पास एक अलग कमरे में पत्नी बनाकर रखा। इस दौरान निखिल ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इस नाबालिग लड़की के बताएं अनुसार आरोपी निखिल एशने और विशाल शेन्द्रे के विरुद्ध धारा 363 366 376 376(2)एन 376 (3) 34 भादवि एवं धारा 3/4(2),5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में निखिल एशने और विशाल शेन्द्रे को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना उपरांत दोनों अभियुक्त के विरुद्ध अदालत में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। हाल ही में यह मामला विद्वान विशेष न्यायाधीश गौतम सिंह मरकाम की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष दोनों आरोपी के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरुप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी निखिल एशने को धारा 366 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रूपये अर्थदंड , धारा 3/4(ii) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 376(3)भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास (जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवन काल के लिए होगा),और 5000 रुपये अर्थदंड,धारा 5(1)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों की संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 376(2)(एन)भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास (जिसका अभिप्राय शेष प्रकृत जीवन काल के लिए होगा) और 5000 रूपये अर्थदंड से दंडित किये। आरोपी विशाल शेद्रे को धारा 366 सहपठित धारा 109 भादवी के तहत अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रूपये अर्थदंड ,धारा 3/4(ii),5(1)/6 सहपठित धारा 17 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध में आजीवन कारावास( जिसका अभिप्राय जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवन काल के लिए होगा)और 5000रुपये अर्थदंड से दंडित
किये।

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