नाबालिक लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी आकाश उर्फ रोहित को आजीवन कारावास और13 हजार रुपए अर्थदंड

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लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में एक नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी आकाश उर्फ रोहित पिता रतिराम निनावे 19 वर्ष गणेश नगर बूढ़ी बालाघाट निवासी को आजीवन कारावास और 13000 रूपये अर्थदंड से दंडित किये। विद्वान अदालत में इस आरोपी को धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000रूपये अर्थदंड, धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000रूपये अर्थदंड, धारा 376 2 (जे)(एन) भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और सहपठीत धारा 3(2)(5) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास एवं 10000 रूपये अर्थदंड से दंडित किए।

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने बताया कि अभियोक्त्री 24 फरवरी 2020 को पेपर देने जा रही हूं कह कर घर से निकली थी उस समय घर में उसकी मां थी। अभियोक्त्री घर वापस नहीं आई तब उसके पिता ने थाना जाकर उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी ।28 फरवरी 2020 को अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया ।पूछताछ में उसने बताया कि अभियुक्त आकाश से उसकी बात होती रहती थी । 24 फरवरी 2020 कोअभियुक्त आकाश ने उसे बस स्टैंड बुलाया और उसे मोटरसाइकिल में भरवेली ले गया। अभियुक्त आकाश ने उसे अपने दोस्त के घर ले जाकर दो-तीन दिन तक रखा और वहां उसके साथ शादी करूंगा कह कर उसके साथ दुष्कर्म किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त आकाश उर्फ रोहित निनावे के विरुद्ध उपरोक्त अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया और इस अपराध में उसे गिरफ्तार करने के बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान विशेष अदालत में पेश किया गया था। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी आकाश उर्फ रोहित के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा ।जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने आरोपी आकाश पुरोहित को प्रकरण में आई सकारात्मक साक्ष्य के आधार पर उपरोक्त दंड से दंडित किया। इस मामले में अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा पैरवी की गई थी।

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