नाबालिक लड़की को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करने के मामले में–आरोपी दशरथ परते को आजीवन कारावास

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लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत ने एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने की मामले में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई ।यह आरोपी दशरथ कुमार पिता राम सिंह परते 29 वर्ष ग्राम बारिया के नरवारी टोला पुलिस थाना परसवाड़ा निवासी है जिसे विद्वान अदालत ने आजीवन कारावास के अलावा 25000 रुपये अर्थदड से दंडित किये।

अभियोजन के अनुसार नाबालिक लड़की नरवारी टोला में निवास करती है। सन 2016 की दीपावली के समय यह लड़की गाय चराने के लिए जंगल गई थी। तभी मोहल्ले के दशरथ परते ने उसका पीछा किया और जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया था तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके डर के कारण इस लड़की ने किसी को कुछ नहीं बताई। इसके बाद इस आरोपी दशरथ परते ने इस लड़की के साथ जंगल और घर में अकेले देखकर कई बार दुष्कर्म किया। माह दिसंबर 2018 में भी दशरथ परते ने घर में घुसकर इस लड़की के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया था। इसी बीच यह लड़की गर्भवती हो गई थीं। तब इस लड़के ने अपने परिजनों को घटना के बारे में बताई। लड़की के परिजनों ने आरोपी दशरथ से बातचीत किये। किन्तु दशरथ ने लड़की को अपने साथ रखने से इंकार कर दिया थी। उसके बाद यह लड़की 8 जून 2019 को थाना परसवाड़ा में रिपोर्ट करने पहुंची। इस लड़की द्वारा की गई रिपोर्ट पर दशरथ परते के विरुद्ध धारा 376 506 450 भादवि और धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में दशरथ परते को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना दौरान लड़की का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया तथा उसके गर्भ से जन्मे बच्चे तथा आरोपी का रक्त सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया गया। संपूर्ण विवेचना अनुसंधान उपरांत विद्वान अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया था। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी दशरथ परते के विरुद्ध धारा 376 (2)एन,506 भादवि, धारा 5(j)(ii)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थिति और अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी दशरथ परते पिता राम सिंह परते 29 वर्ष ग्राम बारिया नरवारी टोला थाना परसवाड़ा निवासी को धारा 5(j)(ii)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 25000 रुपये अर्थदड और धारा 506 भादवि के तहत अपराध में 2 वर्ष का कठोर कारावास और 2000 अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार वाट द्वारा की गई थी।

विद्वान अदालत ने पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता को 2 लाख 75 रुपए दिए जाने कि की अनुशंसा

विद्वान अदालत ने कहा कि प्रतिकर यह लाभ प्राप्ति का साधन नहीं है ,बल्कि पीड़ित को पहुंची शारीरिक व मानसिक आघात के उपचार तथा उसके पुनर्वास आदि सभी विषयों पर विचार करके प्रतिकर का निर्धारण होना चाहिए। इस मामले में अभियोक्त्रि ने बलात्कार के फल स्वरुप एक बच्चे को जन्म दिया है, जो वर्तमान में अभियोक्त्रि के पास है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विद्वान अदालत ने अर्थदंड वसूल हो जाने पर 25000 रुपये अपील अवधि पश्चात अभियोक्त्रि को प्रदान किए जाने के आदेश दिए, इसके अलावा विद्वान अदालत ने पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत 275000 रुपये प्रतिकर अभियोक्त्रि को दिलाए जाने की अनुशंसा करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालाघाट को पत्र प्रेषित किये है।

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