नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी मेहतर यादव को आजीवन कारावास और 57 हजार रुपए अर्थदंड

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एक नाबालिग लड़की को शादी का प्रलोभन देकर उसका अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी मेहतर पिता पतिराम यादव 20 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। पास्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की विद्वान अदालत ने बिरसा थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम बोदा निवासी इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 57 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किए।

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 मार्च 2020 को दिन के 11:बजे यह नाबालिक अभियोक्त्री बिना बताए कहीं चली गई थी ।कुछ समय पश्चात जब वह घर वापस नहीं आई तो परिवार वालों ने आस पास पड़ोस रिश्तेदारी में पता किए, कहीं पता नहीं चलने पर इस अभियोक्त्री को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले जाने के शक उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट बिरसा पुलिस थाना में दर्ज कराई गई थी। 20 मई 2020 को 10:00 बजे इस अभियोक्त्री को अभियुक्त मेहतर के पास से दस्तयाब किया गया। अभियोक्त्री ने पूछताछ में बताई कि आरोपी मेहतर उसके गांव का रहने वाला है जिसने उसे शादी का प्रलोभन देकर अपने बहकावे में लाकर 7 मार्च 2020 को करीब 11:30 बजे उसने उसे खेत में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और मेहतर ने उसे भाग कर शादी कर लेने के लिए कहा, वह मेहतर के बातों में आ गई, उसी दिन मेहतर ने उसे अपने साथ बस से मंडई से बालाघाट गोंदिया से सिकंदराबाद लेकर गया। सिकंदराबाद में कमरा लेकर 2 माह तक साथ में रहे, उस दौरान आरोपी मेहतर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। लॉकडाउन होने से 10 मई 2020 को मेहतर ने उसे बालाघाट मलाजखंड पहुंचा दिया।अभियोक्त्री द्वारा दिए गए बयान के आधार पर पुलिस थाना बिरसा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जहां पर मेहतर के विरुद्ध धारा 363 366 376(2)(एन) तथा 376(3) भादवि धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और धारा 3(2)(5) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।इस अपराध में मेहतर को गिरफ्तार किया गया था विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया। यह प्रकरण पास्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी मेहतर यादव के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुये अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी मेहतर यादव को धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रुपए अर्थ दंड, धारा 366 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का अधिनियम और सहपठित धारा 376(2)एन, तथा 376(3) भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 50000 रुपए अर्थदंड, धारा 3(2)5 अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।

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