नाबालिग लड़की का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी लकेश बघेले और उसकी 61 वर्षीय बुआ ताराबाई को आजीवन कारावास

0

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में एक नाबालिक लड़की का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी लकेश पिता परसराम बघेले 21 वर्ष ग्राम बापड़ी थाना लांजी और उसकी बुआ ताराबाई पति झनक लाल रक्से61 वर्ष ग्राम मुरूम टोला थाना सालेकासा जिला गोंदिया महाराष्ट्र निवासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।विद्वान अदालत ने इन दोनों आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा दोनों आरोपी जिनमें आरोपी लकेश बघेले को 13 हजार रुपए अर्थदंड और उसकी बुआ ताराबाई रक्से को 11 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये।

अभियोजन के अनुसार अभियोक्त्रि अपने माता पिता और दादी के साथ रह कर पढ़ाई करती थी जो अभियुक्त लकेश से परिचित थी ।1 जनवरी 2022 की शाम 5:00 बजे अभियुक्त लकेश आया और अभियोक्त्रि से बोला कि उसकी दादी की तबीयत खराब है चलो तुम्हें बुलाए हैं। तब अभियोक्त्रि ने बोली की वह घर पर बता कर आती है। अभियुक्त लकेश ने उसे कहा कि किसी को बताने की जरूरत नहीं और अभियुक्त लकेश ने इस नाबालिग अभियोक्त्रि को बहला-फुसलाकर मोटरसाइकिल में बैठा कर अपनी बुआ ताराबाई के गांव मुरूम टोला ले गया और वहां पर अभियुक्त लकेश ने इस अभियोक्त्रि से बोला कि मैं तुमसे प्यार करता हूं और शादी करना चाहता हूं। अभियोक्त्रि ने उसे बोली कि मुझे झूठ बोलकर क्यों लाए हो, मैं तुम्हें पसंद नहीं करती। अभियोक्त्रि ने अभियुक्त लकेश से बोली कि तुम मेरे बड़े पिता की पुत्र हो और रिश्ते में भाई लगते हो। अभियुक्त लकेश ने उसे बोला कि कुछ नहीं होता दूर के बड़े पिता लगता है ।ऐसा कह कर अभियुक्त लकेश ने उसे बुआ के घर के अंदर ले गया और अलग कमरे में ले जाकर अभियोक्त्रि की मर्जी के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मार डालने की धमकी दी। किंतु अभियुक्त लकेश की बुआ ताराबाई ने भी कुछ नहीं कहीं। 10 जनवरी 2022 को पुलिस ढूंढते हुए मुरूम टोला पहुंची और इस अभियोक्त्रि को थाना लेकरआई। जहां अभियोक्त्रि ने संपूर्ण घटना बताई। पुलिस थाना लांजी में इस मामले में अभियुक्त लकेश बघेले के विरुद्ध धारा 363 366ए 376 342 506 भादवि और धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया और उसकी बुआ ताराबाई रक्से के विरुद्ध धारा 212 भादवि ,धारा 17 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया। और दोनों को इस अपराध में गिरफ्तार किया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया । यह मामला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी लकेश बघेले और ताराबाई रक्से के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त लकेश बघेले 21 वर्ष ग्राम बापड़ी थाना लांजी निवासी को धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष की कठोर कारावास और 1000 रूपये अर्थदंड, धारा 366क भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष के कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड ,धारा 342 भादवि के तहत अपराध में 1 वर्ष का कठोर कारावास और 500रुपये अर्थदंड, धारा 506 भाग 2 भादवि के तहत अपराध में 1 वर्ष की कठोर कारावास और 500 रुपये अर्थदंड और धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं धारा 376(2)एन के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये। विद्वान अदालत ने ताराबाई रक्से को धारा 212 भादवि के तहत अपराध में 3 वर्ष की कठोर कारावास और 1000रुपये अर्थदंड और धारा 17 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले की शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here