बालाघाट (पदमेश न्यूज)। पूरे देश के साथ-साथ बालाघाट जिले में भी कोरोना का कहर किस कदर हावी हो रहा है यह हर कोई जान रहा है सरकारी महकमा बार-बार जनता से अपील करता है कि आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन रखें बावजूद इसके स्वयं इस बात का कितना पालन करता है इस बात की बानगी जिला पंचायत भवन के सभागार में दिखाई देती है। जब जिला पंचायत की सीईओ उमा माहेश्वरी 22 सितंबर को पूरा दिन 2 शिफ्ट में पंचायतों के सचिव से लेकर इंजीनियर तक की बैठक बुलाती है।यह हालात उस समय के है जब बीते दिनों ही किरनापुर जनपद पंचायत में पदस्थ एक इंजीनियर पॉजीटिव्ह पाए जाते हैं यही नहीं इसके पहले एक सचिव भी पॉजीटिव्ह पाए गए हैं।जिला पंचायत सभागार के भीतर भीड़-भाड़ की यहां हालात देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यदि एक व्यक्ति भी संक्रमण की जद में आ गया तो फिर इस हाल के भीतर बैठे इतने अधिक सरकारी अमले की क्या स्थिति हो सकती है।इन दिनों पूरे जिले मैं कोरोना वायरस से लोगों में डर और दहशत व्याप्त है हर कोई यही सलाह देता है कि जरूरी काम हो तभी बाहर निकले बावजूद इसके जिला पंचायत भवन में रात 7.30 तक यह बैठक ऐसी ही चलती है जिस कारण दूर दराज से पहुंचे पंचायत सचिव से लेकर सभी कर्मचारियों को अपने गृह निवास तक जाने में बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पढ़ता।
प्रत्येक शुक्रवार की बैठक में भी कर्मचारियों का लगा रहता है जमघट
बैठक में पहुंचे कर्मचारियों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब कोरोना कॉल में इस तरह की लापरवाही और बैठक का आयोजन किया गया। इसके पूर्व में भी इस तरह की बैठक आयोजित की गई है यहां तक कि प्रत्येक शुक्रवार को इससे अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति में बैठक आयोजित की जाती है। इस दौरान सभा हाल में किसी अन्य व्यक्ति को आने नहीं दिया जाता जिस कारण इस बात की जानकारी बाहर तक नहीं जा पाती।
सीईओ से नहीं हो सका संपर्क
इस विषय पर जब हमने जिला पंचायत के सीईओ उमामाहेश्वरी से चर्चा करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका जिला पंचायत के कर्मचारियों ने बताया कि मैडम रात 7 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय चले गई थी लेकिन मीटिंग 7:30 बजे तक चलती रही।