निजीकरण के विरोध में विद्युत अधिकारी-कर्मचारियों ने की हड़ताल

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केन्द्र सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ के नाम से पेश किया गया है यानि सरकार विद्युत व्यवस्था का निजीकरण कर उसे प्रायवेट हाथों में सौंप रही है। इसी कड़ी में म.प्र. यूनाइटेड फोरस फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के आव्हान पर लालबर्रा के विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ८ अगस्त को कनिष्ठ यंत्री कार्यालय के सामने इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से बिल को वापस लिये जाने की मांग की है एवं मांगे पूरी नही होने पर आगामी समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल व आंदोलन करने की शासन-प्रशासन को चेतावनी भी दी है। इस एक दिवसीय हड़ताल के दौरान विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कनिष्ठ यंत्री कार्यालय के समक्ष केन्द्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेट बिल २०२२ का विरोध करते हुए उसे वापस लेने मांग की है। विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के एक दिवसीय हड़ताल पर चले जाने के कारण इमरजेंसी सेवा को छोडक़र सभी सेवाएं बंद रही ऐसी स्थिति में जिस क्षेत्र का ट्रांसफार्मर खराब व बिजली समस्या बंद थी उक्त क्षेत्र के निवासरत लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा। चर्चा में विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार के द्वारा ८ अगस्त को इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल लोकसभा में पेश किया जा रहा है अगर यह बिल पास हो जाता है तो बिल उपभोक्ताओं के साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों के लिए नुकसानदायक है साथ ही यह भी बताया कि बिल पास होने से विद्युत व्यवस्था निजीकरण के हाथों में चले जायेगी जिससे उपभोक्ताओं को अधिक बिल आयेगें और सरकार घाटे में चले जायेगी इसलिए विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के द्वारा अपने कार्य से विरत रहकर इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ ( निजीकरण) के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल कर बिल को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे है। इस अवसर पर कनिष्ठ यंत्री कार्यालय लालबर्रा, अमोली के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
इलेिट्रसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ वापस ले सरकार – विनीत
कनिष्ठ यंत्री विनीतकुमार टेकाम ने बताया कि ८ अगस्त को केन्द्र सरकार के द्वारा संसद में इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ पेश करने वाली है जिसका विरोध में विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल कर रहे है अगर यह बिल पारित हो जाता है तो उपभोक्ताओं के साथ ही कर्मचारियों को भी परेशानी होगी इसलिए सरकार से मांग है कि जो बिल पास करने वाली है उसे वापस लेे।
मांगे पूरी नही होने पर करेगें आंदोलन – कैलाश
परीक्षण सहायक कैलाश पारधी ने बताया कि संसद में इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल २०२२ पेश किया जाने वाला है और यह बिल पास हो जाता है तो बिजली कंपनी का निजीकरण होने के साथ ही प्रायवेट संस्था के हाथों में चले जायेगी जिसके विरोध में देशभर में विद्युत विभाग के कर्मचारी-अधिकारी एक दिवसीय हड़ताल कर जो बिल पास होने वाला है उसका विरोध प्रदर्शन कर उसे वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे है। श्री पारधी ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल लागू होने से सबसे अधिक उपभोक्ताओं के साथ ही कर्मचारियों को परेशानी होगी और इस एक दिवसीय हड़ताल में इमरजेंसी सेवा को छोडक़र कोई कार्य नही किया गया है साथ ही यह भी बताया कि सरकार हमारी मांगे पूरी नही करेगी तो आगामी समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल व आंदोलन किया जायेगा।

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