निजी स्कूल और अभिभावकों के बीच एनसीईआरटी प्रकाशन की पुस्तकों को लेकर मच रहा विवाद ,

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नए शिक्षण सत्र की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है और अब 20 दिन बीत चुके हैं, किंतु इस बार शिक्षा विभाग में पुस्तकों को लेकर निजी स्कूलों और अभिभावकों को पूरी तरह से उलझन में डाल दिया है। जबकि अभी 2 दिन पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मीडिया में बताया गया था कि शासन के नियम अनुसार पहली से आठवीं तक की पुस्तक एनसीईआरटी की रहेगी । दूसरी ओर 1 अप्रैल से शुरू हुए नए शिक्षा सत्र के लिए अभिभावक और बच्चों द्वारा निजी स्कूलों के फरमान के तहत अलग-अलग प्रकाशन की पुस्तक खरीद ली गई। अब शिक्षा विभाग के नियम अनुसार बच्चों के पालक और निजी स्कूल दोनों ही परेशानी में आ गए हैं । जहां एक ओर अलग प्रकाशन की पुस्तक काफी महंगी है और निजी स्कूल के संचालकों द्वारा अभिभावकों को दे भी दी गई है , तो वहीं अब पालक भी इन महंगी प्रकाशन की पुस्तकों का विरोध कर रहे हैं और स्कूल द्वारा जारी किए गए अलग प्रकाशन की दी हुई पुस्तको की रेट लिस्ट को अब मीडिया से साझा कर रहे हैं । जिसका एक मामला शनिवार को सामने आया जहां अभिभावकों द्वारा एक निजी स्कूल के द्वारा जारी किए गए पाठ्यक्रम और प्रकाशन की सूची को मीडिया से साझा कर दिया गया , हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी इस विषय पर अलग-अलग टीम बनाकर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

आपको बता दे की नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 को 20 दिन बीत गए हैं, लेकिन निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों की बिक्री का खेल अब भी जारी है। एक तरफ जिला शिक्षा विभाग म.प्र शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के 2024 के आदेश के आधार पर सभी निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाने के लिए निर्देशित कर चुका है, लेकिन कई स्कूल निजी प्रकाशकों की तीन से चार हजार रुपये की कीमत की किताबों की सूची अभिभावकोंं को थमा रहे हैं। अभिभावक भी महंगी किताबें लेने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, तो स्कूल प्रबंधन निजी प्रकाशक और एनसीईआरटी दोनों किताबों से पढ़ाने की बात कह रहे हैं। यानी बच्चों के सामने किताबों का अंबार और पढ़ाई का बोझ और बढ़ेगा। जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि ऐसे स्कूलों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, जो आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया की उनके द्वारा अलग-अलग तहसील वार निजी स्कूलों की चेकिंग के लिए दल बना दिया गया है जो दल स्कूलों में जाकर अन्य प्रकाशनों की पुस्तकों से पढ़ाए जाने को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएगा और उस रिपोर्ट को शिक्षा विभाग को साझा करेगा जिसके लिए लगभग वारासिवनी क्षेत्र से संबंधित कुछ दल ने इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को दे दी है तो वहीं बालाघाट शहर में संचालित होने वाली निजी स्कूलों पर भी बालाघाट में बनाए गए दल द्वारा सतत मॉनिटरिंग की जा रही है और जिसकी रिपोर्ट भी जल्द उनके पास आ जाएगी और वह जल्द ही अलग प्रकाशन की पुस्तकों से पढ़ाई करने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे ।

सिर्फ एनसीईआरटी के चलेगी पुस्तके

जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा- वर्ष 2024 का आदेश स्पष्ट है कि सभी निजी स्कूलों (एमपी बोर्ड व सीबीएसई बोर्ड दोनों मान्यता प्राप्त) में कक्षा पहली से आठवीं तक की पढ़ाई में सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों का ही उपयोग किया जाएगा। यह आदेश सभी स्कूलों को जारी कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने ये भी स्पष्ट किया कि 16 अप्रैल को समन्वय बैठक में किताबों के दामों की जो सूची बताई गई थी, वह एनसीईआरटी की किताबों की हैं। रेट लिस्ट के अनुसार, कक्षा पहली से दूसरी तक की कक्षा की किताबें 600 से 700 रुपये में और तीसरी से आठवीं तक की किताबों का दाम 1100 रुपये में निर्धारित किया गया है।

महंगी किताबों की सूची मीडिया को अभिभावकों ने की साझा

ताजा मामला, शनिवार को तब सामने आया, जब विवेकानंद कालोनी स्थित निजी स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल द्वारा दी गई महंगी किताबों की सूची मीडिया में साझा कर दी। इसमें निजी प्रकाशकों की कक्षा पहली की ही 12 किताबें हैं, जो 3679 रुपये की हैं। 15 प्रतिशत डिस्काउंट देने पर कीमत 3129 रुपये है। निजी प्रकाशक और एनसीईआरटी की किताबों के दामों में दो हजार रुपये अधिक का अंतर है। निजी स्कूल की प्राचार्या ने बताया कि निजी प्रकाशकों की किताबें प्रैक्टिस बुक हैं। हम एनसीईआरटी की किताबों से भी बच्चों को पढ़ाएंगे।

पुस्तकों की जांच हेतु दल गठित कर दिए गए हैं – अश्वनीकुमार

जब हमारे द्वारा इस पूरे विषय को लेकर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनीकुमार उपाध्याय से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि निजी स्कूल से अलग प्रकाशन की पुस्तकों की रेट लिस्ट जारी होने की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से लगी है और वह इस पूरे विषय को पता करवाएंगे, जबकि उनके द्वारा निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के अलावा अन्य प्रकाशन की पुस्तकों से पढ़ाई जाने पर चेकिंग हेतु अलग-अलग तहसील वार दल गठित कर दिए गए हैं जो जल्द ही स्कूलों में चेकिंग का अपनी जांच रिपोर्ट उन्हें समिट करेंगे उस आधार पर वह निजी स्कूलों पर कार्रवाई भी करेंगे ।

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