यूजी कोर्स के फर्स्ट-सेकंड ईयर की ओपन बुक पद्धति से हुई परीक्षा के बाद अब तक मूल्यांकन शुरू नहीं हो पाया है। इसका कारण संग्रहण केंद्र बने कालेजों ने नियमित और प्राइवेट विद्यार्थियों की कापियां मिला दी थीं। अब विश्वविद्यालय इन्हें छांटने का काम कर रहा है। कालेजों की लापरवाही से मूल्यांकन केंद्र का काम बढ़ गया है। इसका असर रिजल्ट पर पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक परिणाम आने में बीस से पच्चीस दिन लगेेंगे। इसके चलते विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में रजिस्ट्रेशन करवाने में दिक्कतें आ रही हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने जुलाई में ओपन बुक पद्धति से बीए, बीकाम, बीएससी सहित अन्य यूजी कोर्स के फर्स्ट-सेकंड ईयर की परीक्षा करवाई थी। कापियां जमा करने के लिए 200 संग्रहण केंद्र बनाए गए थे। उत्तर पुस्तिका मिलते ही कालेजों ने एकसाथ बंडल बनाकर विश्वविद्यालय भेज दिए, जिसमें नियमित-प्राइवेट के अलावा फर्स्ट-सेकंड ईयर की कापियां भी मिला दी। अब विश्वविद्यालय को नियमित-प्राइवेट और फर्स्ट-सेकंड ईयर की कापियां छांटनी पड़ रही हैं। पंद्रह दिन से विश्वविद्यालय के कर्मचारी इसी काम में लगे हैं। फर्स्ट-सेकंड ईयर में एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी हैं। इनका मूल्यांकन शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि परीक्षा परिणाम 15 सितंबर से पहले देना संभव नहीं है। हालांकि कापियां छांटने का काम तेज कर दिया है। मूल्यांकनकर्ताओं को तुरंत उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए भेजेंगे।
आनलाइन करना है आवेदन
नियमानुसार रिजल्ट आने के बाद विद्यार्थियों को फर्स्ट से सेकंड और सेकंड से थर्ड ईयर में प्रमोट किया जाता है। कुछ वर्षों से अगली कक्षा में जाने के लिए विद्यार्थियों को आनलाइन आवेदन करना होता है। उच्च शिक्षा विभाग ने अगली कक्षा में प्रमोट विद्यार्थियों के लिए 15 अगस्त के बाद आनलाइन रजिस्ट्रेशन की लिंक खोल दी है। मगर रिजल्ट रुकने से विद्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उनके पास 30 अगस्त तक का समय है। ऐसी स्थिति में विभाग को दोबारा अगले महीने लिंक खोलनी पड़ सकती है। बीते साल 13 बार अगली कक्षा में प्रमोट विद्यार्थियों से आवेदन मंगवाए गए थे।