बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।
बालाघाट प्रवास पर आए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िताओं और उनके परिवार से मिलने गांव पहुंचे। जहां उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा के साथ ही गांव की स्थिति को भी आंखो से देखा।गांव से लौटने के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने घटना को दुखद और समाज के लिए कलंक बताते हुए कहा कि यह मामला राजनीति करने का नहीं है, पीड़िताओं को न्याय दिलाने का है। जिस तरह से बालिकाओं के साथ दरिंदगी की गई है, उससे, साफ है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। इस मामले में अब तक पुलिस ने आरोपियो की शिनाख्ती नहीं कराई है, जिसमें हो रही देरी से लगता है कि सरकार, आदिवासियों के साथ नहीं है। उन्होंने पीड़ित बच्चियों को विधायक कांग्रेस विधायक दल की ओर से एक 1-1 लाख रु भी दिए जाने की बात कही।उक्त गाव के सभी बीपीएल कार्डधारकों को स्वयं की ओर से सहायता के रूप में 10- 10 रु दिए जाने की बात कही है। तो वहीं उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म वाले मामले में भाजपा नेताओं सहित मुख्यमंत्री के बयान न आने और राहत राशि न दिए जाने पर ऐतराज जताते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। जिन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ऐसी घटनाओं पर मौन रहते है।जब उनसे गृह विभाग नहीं संभाल रहा है तो उन्हें गृह विभाग की जिम्मेदारी किसी और को दे देनी चाहिए।
दुगलई गांव की घटना समाज के लिए कलंक है
नगर के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने
बताया कि दुगलई गांव की घटना समाज के लिए कलंक हैं। ऐसे मामले में जो भी आरोपी हो, उन्हें सजा अवश्य मिलना चाहिए। आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना होती है और सरकार ने मामले में मौन साधा हुआ है। न तो पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से कोई मदद दी है और न ही सीएम ने इस मामले में कोई बयान जारी किया है। दुर्गम स्थान पर बसे दुगलई गांव के बैगा आदिवासी परिवार सुविधाओं के लिए मोहताज है।
2024 से अभी तक हो चुके हैं 7250 बलात्कार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के अंदर अराजकता का माहौल है। अनेक बड़ी-बड़ी घटनाएं हो चुकी है। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है। वे गृह विभाग और कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे है। प्रदेश में वर्ष 2024 से अब तक 7250 बलात्कार की घटनाएं हो चुकी है। यह आंकड़ा बड़ा शर्मनाक है। मप्र इस तरह की घटनाओं में सबसे आगे होते जा रहा है। मीडिया हो या एनसीईआरबी की रिपोर्ट, उसके अंदर के आंकड़ों के कारण सबके सामने बातें आई है।
ग्रह विभाग छोड़े यादव
उन्होंने आगे बताया कि मध्य प्रदेश में बलात्कार की इतनी घटनाएं होने के बाद भी मुख्यमंत्री कब समीक्षा करते हैं, यह पता नहीं चल पाता है। सीएम यादव ऐसे मामले में मौन रहते हैं। उन्होंने कहा कि वे सीएम यादव को बार-बार सलाह देते हैं कि जो भी उनके करीब मंत्री हैं, उन्हें गृह विभाग सौंप दें। ताकि पुलिस विभाग की समीक्षा होते रहे।
कांग्रेस विधायक दल की ओर से पीडि़त बच्चियों को देंगे 1-1 लाख रुपए
मध्यप्रदेश विधायक नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की ओर से उन बच्चियों को एक-एक लाख रुपए प्रदान किया जाएगा। साथ ही दुगलई गांव में निवासरत 32 परिवार, जो कि बीपीएल धारक है, उन्हेंं दस-दस हजार रुपए उनकी ओर से प्रदान किया जाएगा। यह राशि प्रदान करना केवल सांकेतिक है। इसके पीछे उनका मकसद है कि सरकार दुगलई गांव का विकास करें। ताकि वहां ग्रामीण विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकें।
एक दिवसीय प्रवास पर बालाघाट पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने बेटी बचाओ का नारा दिया था, लेकिन दुगलई गांव की घटना इसके विपरित है। उन्होंने बलात्कार पीडि़त मासूम बेटियों से मुलाकात की। उनकी उम्र अभी स्कूल में बीताने की है। लेकिन कुछ चुनिंदा लोग, जो बालिग है, उन्होंने जिस प्रकार से उनके साथ दरिदंगी की है, वह काफी दुखदाई है। मन को झकझोरने वाली है। यह बड़ी दुख की बात है कि इस मामले में मुख्यमंत्री चुप है। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ लाख रुपए देने की बात कही जा रही है, वो तो कानून में प्रावधान है। लेकिन सरकार ने उन आदिवासी बच्चियों के लिए अभी तक मुख्यमंत्री कोष नहीं खोला है। जबकि कई सौ करोड़ रुपए बांट रहे हैं, कोई छोटी दुर्घटना होती है या किसी की मौत होती है तो उन्हें पैसे दे दिए जाते हैं। लेकिन इन गरीब आदिवासी परिवार की बच्चियों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में ताला लग गया है। उन्होंने मांग की है कि पीडि़त परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सहायता राशि मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 से अभी तक 7 हजार 700 से ज्यादा एसटीएसी की हत्या, बलात्कार के मामले हुए है। इतना ही नहीं यह भी देखा जा रहा है कि किसी दलित को हैंडपंप से पानी भरने नहीं दिया जाता तो किसी को घोड़े पर चढऩे नहीं दिया जा रहा है। मंदिर में दर्शन करने से भी र ोका जा रहा है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये असमानता क्यों। सरकार सबकी है, सर्वधर्म की समानता रखती है। सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
आरोपियों की नहीं कराई पहचान
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पुलिस कितनी संवेदनशील है, यह घटना होने के बाद पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि 23 अप्रैल को घटना हुई है, उसके बाद भी अभी तक आरोपियों की शिनाख्त नहीं कराई है। जब अभी तक पहचान नहीं हुई है तो पुलिस फास्ट ट्रेक कोर्ट में मामला कैसे लेकर जाएगी? यह घटना समाज के लिए कलंक है। किसी भी समाज का व्यक्ति इस तरह की दरिदंगी करता है, उसे सजा अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में तत्काल शिनाख्ती की कार्यवाही कराई जाए। मामले को फास्ट ट्रेक कोर्ट में लेकर जाए। ताकि आरोपियों को शीघ्र सजा मिल पाए। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में कोर्ट का ट्रायल होना चाहिए।
किसानों को दें दस घंटे बिजली
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानों को कम से कम दस घंटे बिजली प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि बुधवार को बालाघाट जिले के दुगलई गांव के प्रवास के दौरान अनेक किसान मिले थे, जिन्होंने बताया कि बिजली नहीं मिलने की वजह से उनकी फसलें खराब हो गई है। जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। किसान कर्जे में डूब गए। उन्होंने मांग की है कि सरकार तत्काल किसानों को बिजली मुहैया कराएं। जब किसान बिजली का बिल जमा कर रहा है, टेक्स दे रहा है तो उन्हें बिजली क्यों नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि जिले के अनेक गांवों की नदियां सूख गई है। कटंगी क्षेत्र में बावनथड़ी नदी पूरी तरह सूख गई है, जिससे 25 गांव प्रभावित हुए है। किसानों ने राजीव सागर बांध परियोजना से पानी छोड़े जाने की मांग की है। मै भी सरकार से यही मा करता हु
प्रचार-प्रसार के लिए पैसा है लेकिन स्कूलों के नहीं
उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि जिले में अनेक स्कूल ऐसे हैं, जो काफी जर्जर हो चुके हैं। सरकार ऐसे स्कूलों की सुध नहीं ले रही है। जर्जर शाला भवनों को बनाने या मरम्मत के लिए पैसा नहीं दे रही है। जबकि सरकार के पास ब्रॉडिंग के लिए पैसा है, बड़े-बड़े बैनर पोस्टर बनाने, हेलीकॉप्टर के लिए पैसा है, लेकिन स्कूल बनाने के लिए पैसा नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा क्या है।