नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर टेस्ट के बाद रेडिएशन का खतरा:पानी में घुला रेडियोएक्टिव मटेरियल, जापान-चीन, साउथ कोरिया तक असर

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नॉर्थ कोरिया लगातार न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है। इसकी वजह से न सिर्फ वहां के लोगों बल्कि साउथ कोरिया, जापान और चीन में रह रहे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। दरअसल, अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट साइट से निकल रहे रेडियोएक्टिव मटेरियल पानी में मिलकर इन देशों में पहुंच रहे हैं।

सियोल के एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप के मुताबिक, ये रेडियोएक्विट मटेरियल साइट के आसपास 3 देशों और 8 शहरों में पहुंच चुके हैं। नॉर्थ कोरिया में न्यूक्लियर साइट के पास रह रहे करीब 10 लाख से ज्यादा लोग अपनी दिनचर्या के लिए जमीन से आने वाले पानी पर निर्भर हैं। इसके अलावा, नॉर्थ कोरिया से तस्करी के जरिए आने वाले खेती और मछली पालन से जुड़े उत्पादों में भी रेडियोएक्विट मटेरियल होने की आशंका है।

2015 में खाने में 9 गुना ज्यादा था रेडियोएक्टिव सीजियम
अमेरिका और साउथ कोरिया के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया ने 2006 से 2017 के बीच पुंग्यी-री साइट पर करीब 6 टेस्ट किए हैं। ये साइट नॉर्थ हैमग्योंग प्रांत में जमीन के नीचे बनी है। 2015 में साउथ कोरिया की फूड सेफ्टी एजेंसी ने चीन से इम्पोर्ट किए गए मशरूम में स्टैंडर्ड लेवल से 9 गुना ज्याद रेडियोएक्टिव सीजियम पाया था। ये मशरूम नॉर्थ कोरिया से चीन पहुंचे थे।

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