मध्यप्रदेश में शुक्रवार रात नौगांव (छतरपुर) की सबसे सर्द रही। यहां न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री चला गया। डिंडौरी में छतों और गाड़ियों पर ओस जम गई। खजुराहो में 1.6, उमरिया में 1.7, ग्वालियर और मलाजखंड में 2.5, गुना और दमोह में 3 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा। रीवा में 4, सीधी में 4.4, सागर में 5 डिग्री तापमान के साथ यहां की रातें भी कड़ाके की ठंड की जकड़ में रहीं। भोपाल में रात का तापमान 8 तो इंदौर में 11 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।
इस सीजन में नवंबर और दिसंबर के 61 दिन पर जनवरी के शुरुआती 7 दिन भारी पड़ गए। भोपाल में जनवरी के पहले हफ्ते के दिन 17 साल में सबसे ठंडे रहे हैं। यहां औसत अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री रहा। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक, भोपाल में 2006 से लेकर अब तक जनवरी की शुरुआत में दिन इतने ठंडे नहीं रहे। इसके पहले 2011 में दिन का औसत तापमान 20. 2 डिग्री रहा था। भोपाल में शुक्रवार को दिन में 22.8 डिग्री तापमान रहा, ये गुरुवार के मुकाबले 3 डिग्री ज्यादा है। जबकि रात में ये 7.3 डिग्री था।
मौसम वैज्ञानिक, अशफाक हुसैन ने बताया कि रविवार से नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इससे दो दिन तक तापमान सामान्य बना रहेगा। 24 घंटे के बाद तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ सकता है। 10 जनवरी से एक और सिस्टम बनेगा। इससे 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश के आसार हैं। इसके कारण 14 जनवरी से मध्यप्रदेश के कई जिलों में तापमान में गिरावट आएगी। यानी ठंड फिर जोर पकड़ लेगी।
इस बार जनवरी में कड़ाके की ठंड क्यों?
72 घंटे में रात के तापमान में सिर्फ 0.1 डिग्री का अंतर आया। पारा 7.3 और 7.4 डिग्री के बीच बना रहा। लगातार तीन दिन तक दिन में पारा 20 डिग्री तक भी नहीं पहुंच सका।
इस बार दो दिन संक्रांति
इस बार संक्राति 14 और 15 जनवरी दो दिन रहेगी। 10 जनवरी को अब तक का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम बन रहा है। इससे हिमालय में इस सीजन की पहली सबसे ज्यादा बर्फबारी होने की संभावना है। 13 जनवरी तक यूपी और राजस्थान में अच्छी बारिश हो सकती है। मध्यप्रदेश में बारिश या बादल छाने की संभावना नहीं है, लेकिन यहां ठंड बढ़ा सकती है। अभी तक जो हवाएं मध्यप्रदेश के आधे इलाकों में नहीं पहुंच पा रही हैं, वो 10 जनवरी को बनने वाले सिस्टम के जाने के बाद प्रदेश भर में पारा गिरा सकती हैं।