भारत में हजारों लाखों मंदिर है और इनमें से कई मंदिर अपनी कुछ विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है और इन मंदिरों में भक्त मनोकामना की पूर्ति के लिए जाते हैं। साथ ही कई विख्यात मंदिरों के साथ कई धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और इस अवसर पर हम आपको हमारे देश में कई ऐसे मंदिर या धार्मिक स्थल हैं, जहां महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है। वहीं, कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां एक खास समय पर पुरुष पूजा नहीं कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में।
ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। भगवान ब्रह्मा का यह मंदिर पूरे देश में सिर्फ पुष्कर में ही है। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था, जहां विवाहित पुरुषों का पूर्ण रूप से निषेध है। धार्मिक मान्यता है कि देवी सरस्वती के श्राप के कारण कोई भी विवाहित पुरुष यहां नहीं जा सकता है। पुरुष आंगन तक ही इस मंदिर में जाते हैं और विवाहित महिलाएं अंदर पूजा करती है।
भगवती देवी मंदिर, कन्याकुमारी
कन्याकुमारी के भगवती देवी मंदिर में देवी भगवती की पूजा की जाती है। इस बारे में एक धार्मिक कथा है कि एक बार मां भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या करने यहां आई थीं। भगवती माता को संन्यास देवी भी कहा जाता है, इसलिए संन्यासी पुरुष इस द्वार तक ही माता के दर्शन कर सकते हैं।
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी
असम के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर नीलांचल पर्वत पर है। माता के सभी शक्तिपीठों में कामाख्या शक्तिपीठ का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। मां के मासिक धर्म के दिनों में यहां धार्मिक पर्व मनाया जाता है। इन दिनों मंदिर में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मंदिर की पुजारी भी एक महिला है।
चक्कूलाथूकावु मंदिर, केरल
केरल में स्थित चक्कूलाथूकावु मंदिर में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस मंदिर में हर साल पोंगल के दिन महिलाओं की पूजा की जाती है। यह 10 दिनों तक चलता है। चक्कूलाथूकावु मंदिर में पुरुषों का प्रवेश पूर्णतया: वर्जित है। कन्या पूजन के अंतिम दिन पुरुष महिलाओं के पैर धोते हैं।
संतोषी माता मंदिर, जोधपुर
जोधपुर स्थित संतोषी माता मंदिर में शुक्रवार को पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगी रहती है। पुरुष शेष दिन मंदिर जा रहे हैं तो मंदिर के द्वार पर खड़े होकर ही माता को देख सकते हैं, लेकिन पूजा नहीं कर सकते। शुक्रवार को मां संतोषी का दिन होता है और महिलाएं इस विशेष दिन पर व्रत रखती हैं।










































