पंचायतों में मनरेगा मेटों को काम पर नही लेने से आक्रोश व्याप्त

0

नगर मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने स्थित सामुदायिक भवन में २७ फरवरी को मनरेगा मेट वर्कर्स यूनियन की बैठक संपन्न हुई। यह बैठक मनरेगा मेट वर्कर्स यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष मनोज कटरे व अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रारंभ हुई। बैठक में मनरेगा मेटों को पंचायतों में कार्य करने में आ रही परेशानियों, १२ माह रोजगार एवं मानदेय बढ़ाने सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की गई, इस दौरान कुछ पंचायतों के मनरेगा महिला व पुरूष मेटों ने यूनियन के पदाधिकारियों को बताया कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित सरपंचों व पंचों के द्वारा मनरेगा के कार्योंमें हमें नही लिया जा रहा है और कहा जाता है कि अगर आप लोग मेट हो तो शासन का मेट होने का प्रमाण पत्र दिखाने की बात कहते है और अभद्र व्यवहार किया जाता है जिससे महिला व पुरूष मेट मानसिक रूप से परेशान है। बैठक संपन्न होने के बाद सभी मनरेगा मेट जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर एपीओं रूपेश इवने से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से उन्हे अवगत करवाकर महिला व पुरूष मेटों को मेट होने का शासन का प्रमाण प्रदान कर पंचायतों में १२ माह रोजगार उपलब्ध करवाने, बिना किसी कारण किसी भी मेट को न निकालने की मांग की है एवं उक्त मांगे पूरी नही होने पर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी हैै। चर्चा में मनरेगा मेट वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि बैठक में महिला व पुरूष मेटों को पंचायतों में कार्य करने में आ रही परेशानियों पर चर्चा की गई है एवं कुछ पंचायतों में नवनिर्वाचित सरपंचों व पंच बॉडी के द्वारा विगत कई वर्षाे से कार्यरत हमारे मेट साथियों को काम न देकर उन्हें बेरोजगार करने काकार्य किया जा रहा है और न ही उन्हें निकाले जाने का कारण बताया जा रहा है इस तरह मेटों के साथ अन्याय किया जा रहा है साथ ही यह भी बताया कि शासन के द्वारा आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं को जनपद पंचायत में ट्रेनिंग देकर प्रत्येक पंचायत में ५-५ महिला मेट की नियुक्ति की गई थी परन्तु अधिकांश ग्राम पंचायतों के द्वारा उन्हे भी काम पर नही लिया जा रहा है और महिला मेटों से नियुक्ति का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है जो कि गलत है क्योंकि शासन के निर्देशानुसार ही प्रशिक्षण देकर ग्राम पंचायतों में उनकी नियुक्ति की गई थी और अब सरपंच व पंचायत बॉडी के द्वारा उनसे प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है जबकि जनपद पंचायत के द्वारा उन्हें प्रशिक्षित तो कर दिया गया था परंतु उस प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें किसी तरह का कोई भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था इसलिए बैठक संपन्न होने के बाद जनपद पंचायत के एपीओं रूपेश इवने सर से मुलाकात कर महिला मेटों को प्रमाण पत्र, बिना कारण न निकाले जाने, १२ माह रोजगार दिये जाने की मांग की है, उक्त मांगे पूरी नही होने पर आगामी समय में आंदोलन करने बाध्य होगें।

दूरभाष पर चर्चा में जनपद पंचायत के एपीओ रूपेश इवने ने बताया कि मनरेगा मेटों के द्वारा बताया गया कि कुछ पंचायतों के नवनिर्वाचित सरपंच व पंच बॉडी के द्वारा पुराने महिला व पुरूष मेटों को बिना कारण के निकालकर बेरोजगार किया जा रहा है एवं मेट होने का प्रमाण पत्र मांगे जा रहे है, हमारे द्वारा जो मेट पंचायत में पदस्थ हुए है उनकी जानकारी बुलवाकर सभी पंचायतों को पत्र जारी कर पदस्थ महिला व पुरूष मेटों को रोजगार उपलब्ध करवाने निर्देशित किया जायेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here