पचमढ़ी के धूपगढ़ पॉइंट पर बंदरों का आतंक, 15 साल के मासूम को किया लहूलुहान

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मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पचमढ़ी में गर्मी के मौसम में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन इस बढ़ती भीड़ के साथ ही एक डरावना खतरा भी बढ़ रहा है जो बंदरों का आतंक है। ये खूखांर बंदर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। ताजा मामले में एक 15 साल के मासूम पर इन बंदरों ने हमला कर दिया। जिसके कारण वह घायल हो गया। इन बंदरों ने सतपुड़ा की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ पर एक 15 साल के किशोर को लहुलुहान कर दिया।

बता दें, कि यह घटना उस समय हुई जब किशोर अपनी फैमिली के साथ टूरिस्ट जिप्सी में सवार होकर धूपगढ़ घूमने जा रहा था। रास्ते में बंदरों के एक झुंड ने जिप्सी पर हमला कर दिया और किशोर के हाथ पर काट लिया। घायल किशोर को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए पचमढ़ी अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने कहा कि घायल बच्चे का इलाज करवाया जा रहा है और आतंक मचाने वाले बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि वे बंदरों को खाना न खिलाएं और उनसे दूर रहें।

यह पहली बार नहीं है जब पचमढ़ी में बंदरों ने पर्यटकों पर हमला किया हो। पिछले साल भी कई ऐसे मामले सामने आए थे। बंदरों की बढ़ती संख्या और उनके आक्रामक व्यवहार से पर्यटक और स्थानीय लोग चिंतित हैं। इसे लेकर किशोर के परिवार जनों का कहना है कि अधिकारियों को इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान ढूंढने की जरूरत है। उनका कहना है कि जंगली बंदरों को पकड़कर जंगल के अंदरूनी हिस्सों में छोड़ देना चाहिए ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास में रह सके। और उनके और इंसानों के बीच में संघर्ष न हो। इसके अलावा पर्यटकों को भी जागरूक के साथ जंगली जानवरों को कुछ खाने के लिए नहीं देना चाहिए इससे यह उनकी आदत बन जाती है, और खाना न मिलने पर वे हमला करने लगते हैं।

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