दिल्ली की रहने वाली 20 साल की एथिकल हैकर अदिति सिंह को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने इनाम के तौर पर 30 हजार डॉलर दिए हैं। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 22 लाख रुपये है। अदिति ने माइक्रोसॉफ्ट में एक बग की पहचान की है, जिसके लिए कंपनी ने उन्हें ईनाम दिया है। यह बग माइक्रोसॉफ्ट एज्योर क्लाउड में था, जिसके जरिए कोई भी साइबर हैकर कंपनी के इंटरनल सिस्टम में पहुंचकर इंफॉर्मेशन को होल्ड कर सकता था।
अंग्रेजी वेबसाइट जी न्यूज के अनुसार, अदिति सिंह ने दो महीने पहले फेसबुक में भी बग ढूंढ़ा था और इनाम के तौर पर 5.5 लाख रुपये मिले थे। अदिति के अनुसार फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट में एक ही प्रकार के रिमोट कोड एग्जीक्यूशन बग पाए गए, जो बिल्कुल नए हैं और आसानी से पहचान में नहीं आते। अदिति करीब 2 साल से एथिकल हैकिंग का काम कर रही हैं। उन्होंने अब तक फेसबुक, टिकटॉक, माइक्रोसॉफ्ट, मोजिला, पेटीएम, एथेरियम, एचपी सहित 40 से अधिक कंपनियों में बग खोज निकाले हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मिल चुका है प्रोत्साहन लेटर
अदिति सिंह को अब तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से प्रोत्साहन लेटर मिल चुका है। उन्हें गूगल हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया है। अदिति ने सबसे पहले अपने पड़ोसी के WiFi का पासवर्ड हैक किया था। यहीं से एथिकल हैकिंग की उनकी रुचि बढ़ी और आगे चलकर उन्हों एथिकल हैकिंग शुरू की। इस दौरान वो NEET की तैयारी कर रही थी। इस परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने मेडिकल की तैयारी छोड़ एथिकल हैकिंग में करियर बनाने का फैसला किया
नए हैकर्स को क्या है सलाह
अदिति नए एथिकल हैकर्स को सलाह देती हैं कि यदि आप भी किसी बग के बारे में बता करते हैं तो आपको प्रोग्रामिंग के लिए पायथन या जावास्क्रिप्ट बिल्कुल याद होनी चाहिए। किसी भी हैकर को बग का पता लगाने के लिए काफी ध्यान से काम करना होता है। उनका कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं है। इसके जरिए उन्हें काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।