बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है शायद यही वजह है कि सरकार पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा दे रही है जिसके परिणाम स्वरूप बालाघाट जिले में समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन किए जाते हैं और यहां के बच्चे केवल बालाघाट की नहीं बल्कि प्रदेश, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने खेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। लेकिन इन दिनों में नगर में कुछ ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं जो यह सोचने को मजबूर कर रहे हैं कि शासन-प्रशासन खेल को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका दे रहा है या फिर तरह तरह के प्रतिबंध लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक रहा है।ताजा मामला नगर के खेल मैदानों से जुड़ा है जहां बालाघाट जिले में एक और शिक्षा दिन-ब-दिन महंगी होती जा रही है तो वहीं दूसरी और अब खेल को भी महंगा कर दिया गया है।जहां नगर में बच्चों के खेलने के लिए खेल मैदान नहीं है तो वहीं दूसरी ओर जहां खेल मैदान है वह भी खिलाड़ियों से शुल्क वसूली की जा रही है।जिस पर खिलाड़ियों और खेल संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए खेल के बदले पैसे लिए जाने की बात पर एतराज जताया है जिन्होंने इस फरमान के विरोध में आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है ।
मुलना स्टेडियम में 1 जून से लगेगा खेल के बदले शुल्क
जिले में खेल मैदान ना होने का खामियाजा इन दिनों खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है ।वहीं खेल मैदान ना होने का फायदा संबंधित विभाग जमकर उठा रहा है ।बताया जा रहा है कि नगर में उत्कृष्ट विद्यालय मैदान है जहां आए दिनों सरकारी कार्यक्रम होते रहते हैं। जिसके चलते खिलाड़ियों को खेलने का अवसर नहीं मिल पाता, तो वही सभी प्रकार के खेल इस खेल मैदान में नहीं हो सकते। तो वही नगरपालिका के चंद्रशेखर मैदान में हॉकी मैदान का काम चल रहा है जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है ।जहां भी खिलाड़ियों के खेलने की जगह नहीं है। इसके अलावा पुलिस लाइन ग्राउंड में खेल मैदान है लेकिन वहां केवल विभागीय खेलों का आयोजन किया जाता है और अन्य खिलाड़ियों को खेल का मौका नहीं मिलताम तो वही सीसीएफ कार्यालय के अधीनस्थ आने वाले रेंजर कॉलेज के खेल ग्राउंड में खिलाड़ियों से खेल के नाम पर पैसों की वसूली की जाती है। जहां बकायदा खेलने जाने वाले खिलाड़ियों से शुल्क लेकर उन्हें शुल्क की रसीद मुहैया कराई जाती है। ऐसे में खिलाड़ियों के पास एकमात्र मुलना स्टेडियम मैदान ही शेष बचा हुआ था। दानवीर मुलना जी द्वारा खेल के लिए दान में दिए गए इस मैदान से भी अब खेल पैक्टिस के बदले खिलाड़ियों से शुल्क की वसूली की जाएगी। जहां 1 तारीख से अलग-अलग खेलों का अलग-अलग शुल्क खिलाड़ियों से वसूला जाएगा जिसके आदेश जिला खेल एवं युवा कल्याण कार्यालय से जारी कर दिए गए हैं। वहीं खिलाड़ियों से वसूले जाने वाले शुल्क की लिस्ट खेल मैदान के ग्राउंड स्थित प्रवेश द्वार पर पेंट द्वारा लिखवा दी गई है। मतलब साफ है कि जो खिलाड़ी पहले निशुल्क प्रैक्टिस कर देश विदेश में बालाघाट सहित पूरे भारत का नाम रोशन कर रहे थे उन्हीं खिलाड़ियों को अब अपनी प्रतिभा को निखारने या खेल की प्रैक्टिस के लिए प्रति महा शुल्क अदा करना होगा।
इन खिलाड़ियों से वसूला जाएगा इतना शुल्क
मुलना स्टेडियम के बाहर कलर पेंट से लगाई गई सूची के अनुसार अब 1 जून से मुलना स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाले सभी खिलाड़ियों को मंथली शुल्क देना होगा। लिस्ट के अनुसार इस मैदान में फुटबॉल खेलने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 200रु, बैडमिंटन के खिलाड़ी से 400 रु ,टेबल टेनिस के खिलाड़ी से 100 रु, जिम वाले खिलाड़ियों से 400रु, कराते के खिलाड़ियों से 100रु क्रिकेट के खिलाड़ियों से 200 रु, टेबल टेनिस के खिलाड़ियों से 100 रु, एथलेटिक्स गेम्स के खिलाड़ियों से 100 रु व्हालीवाल के लिए 50रु, विलियर्डस गेम्स के लिए 500 रु, कबड्डी के लिए 50 रु तो वही स्टेडियम भ्रमण, वर्कआउट और ओपन जिम के लिए 100 रु प्रत्येक खिलाड़ी से वसूले जाएंगे। जहां खिलाड़ियों को खेलो के शुल्क निर्धारण के अनुसार पैसा देना होगा।बताया जा रहा है कि यदि खिलाड़ी शुल्क जमा नहीं करते तो उन खिलाड़ियों को इस मैदान में प्रैक्टिस करने नहीं दिया जाएगा। जहां इस फरमान के जारी होने के बाद खिलाड़ियों और खेल संघ पदाधिकारियों में खासा रोष देखा जा रहा है। जिन्होंने इसके विरोध में आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।