पत्नी की हत्या और बेटी को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में राजकुमार को आजीवन कारावास

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विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत ने अदालत में चल रहे हत्या के एक मामले में एक आरोपी को अपनी पत्नी की हत्या और बेटी को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी पाया। विद्वान अदालत ने आरोपी राजकुमार पिता मौजीलाल बाहे 31 वर्ष ग्राम हीरापुर (हिर्री) थाना किरनापुर निवासी को पत्नी पुष्पा बाई की हत्या के आरोप आजीवन कारावास के अलावा बेटी नेहा बाहे को जान से मारने की धमकी देने सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और 4 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किए। आरोपी राजकुमार किरनापुर वन परिक्षेत्र स्थाई कर्मी के पद पर पदस्थ था।

अभियोजन के अनुसार 6 नवंबर 2021 की शाम करीब 6:00 बजे नेहा बाहे उसकी मम्मी श्रीमती पुष्पा बाई और पिता राजकुमार घर पर ही थे। नेहा टॉयलेट गई थी। राजकुमार बाथरूम में नहा रहा था एवं पुष्पा बाई बाड़ी आंगन में घर के बर्तन धो रही थी। तभी राजकुमार ने पुष्पा बाई से चिढ़कर टॉवेल बाथरूम में लाने के लिए बोला। किंतु टॉवेल लाने में देर होने पर राजकुमार ने बाथरूम से निकलकर लोहे की फावड़े से अपनी पत्नी पुष्पा बाई के सिर में वार कर दिया। आवाज सुनकर उसकी बेटी नेहा टॉयलेट से बाहर आई देखी। उसकी मम्मी पुष्पा जमीन पर गिरी थी। राजकुमार वही खून लगा फावड़ा लेकर खड़ा था। नेहा ने अपने पिता राजकुमार से बोली आपने कैसे मम्मी को मार दिए। राजकुमार ने अपनी बेटी को चुप रह नहीं तो तुझे भी जान से खत्म करने की धमकी दिया और फावड़ा फेंक कर वहां से भाग गया। गंभीर रूप से घायल पुष्पा बाई की किरनापुर अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। इस घटना की सूचना पर निरीक्षक रविंद्र कुमार बारिया ने मृतिका पुष्पा बाई की लाश बरामद की और पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिए इस मामले में नेहा द्वारा की गई रिपोर्ट पर राजकुमार के विरुद्ध धारा 302 201 506 भाग 2 भादवी के तहत अपराध दर्ज किया गया और यह अपराध में राजकुमार को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया गया।

निरीक्षक रविंद्र कुमार बारिया द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला सत्र न्यायाधीश दिनेशचंद थपलियाल की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी राजकुमार के विरुद्ध पत्नी की हत्या, हत्या के साक्ष्य विलोपित करने और बेटी नेहा को जान से मारने की धमकी देने का अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी राजकुमार बाहे को धारा 302 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 3000 रुपये अर्थदंड धारा 201 भादवि के तहत अपराध में 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 500रुपये अर्थदंड, धारा 506 भाग 2 भादवि के तहत अपराध में 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपये अर्थदंड से दंडित किए।

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