विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भास्कर यादव की बैहर की अदालत ने आरोपी विनोद उर्फ नेतराम तिलासी पिता शोभाराम तिलासी 30 वर्ष ग्राम भोरवाही थाना परसवाड़ा निवासी को पत्नि को आत्महत्या करने के लिए उकसाने की आरोप में दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष की कठोर कारावास और 10000 रुपए अर्थदंड से दंडित किये। आरोपी द्वारा प्रताड़ित करने से परेशान होकर उसकी पत्नी सावित्रीबाई ने स्वयं को आग के हवाले कर ली थी। जिसकी मौत हो गई। विद्वान अदालत ने इस मामले से सावित्री के जेठ संजय, ननंद प्रीति, एवं बुआ सास सतवती बाई को आरोप सिद्ध नहीं होने पर दोषमुक्त किये है।
अभियोजन के अनुसार 5 जून 2010 को कुलुमखारी बोदा निवासी सावित्रीबाई का विवाह सामाजिक रीति रिवाज की अनुसार भोरवाही विनोद उर्फ नेतराम के साथ हुआ था ।विवाह के पश्चात वह अपने ससुराल गई ।सावित्री का ससुर शोभाराम जेड संजय ननंद प्रीति युवा साथ सतवंती बाई है। विवाह के पश्चात 6 माह तक सावित्री को ठीक से रखा गया। उसके पश्चात दहेज कम लाने का आरोप लगाकर उसके साथ मारपीट लड़ाई झगड़ा करने लगे। घटना के संबंध में सावित्री अपने माता-पिता को बताती थी। इसी बीच सावित्री के बच्चे हुए। ससुर शोभाराम जेठ संजय ननंद प्रीति और बुआ साथ सतवंती द्वारा भड़काने पर विनोद अपनी पत्नी सावित्री के साथ मारपीट करते रहता था ।कई बार सावित्रीबाई के माता-पिता ने उसके ससुराल वालों को समझाया किंतु कोई सुधार नहीं आया। 12 अगस्त 2016 को सावित्री को जली हुई हालत में उपचार हेतु जिला अस्पताल बालाघाट में भर्ती कराया गया था। सावित्री के भर्ती होने की सूचना पुलिस चौकी में चिकित्सक ने दी थी और संबंधित पुलिस थाना परसवाड़ा अस्पताल तहरीर पहुंचाई गई थी। सावित्रीबाई ने पुलिस को बताया कि 12 अगस्त 2016 को राशन लेने के लिए सोसाइटी गई थी ।शाम 5:00 बजे तक राशन नहीं मिलने पर घर वापस आ गई। इसी बात पर से उसे सास ससुर ननद बुआ सास ने विनोद को भड़काया था। विनोद ने सावित्री के साथ गाली गलौज मारपीट करना शुरू कर दिया और चूल्हे की जलती हुई लकड़ी उठाकर मारा। सावित्री अपनी जान बचाने के लिए घर से भागी तो पति विनोद ने सावित्री को पकड़कर कमरे के अंदर ले गया और जमीन में गिरा कर मिट्टी डाल दिया। सावित्री की बुआ सास ने माचिस से आग लगा दिया ।जब वह पूरी तरह जल गई तब उसे उपचार हेतु जिला अस्पताल पहुंचाया गया। सावित्री के इस कथन के आधार पर परसवाड़ा पुलिस थाने में आरोपी विनोद शोभाराम संजय सतवती प्रीति के विरुद्ध धारा 307 498क 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था।23 अक्टूबर 2016 को सावित्री की मौत होने पर धारा 304 बी भादवि का इजाफा कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। इस मामले में सावित्री के ससुर शोभाराम को सभी आरोपों से उन्मोचित कर आरोपी विनोद पर धारा 302 306/ 109 भा द वि और संजय पर धारा 302/ 109 भादवि तथा सतवती और प्रीति पर धारा 201 506 भादवी के तहत आरोप निर्मित किया गया था। बैहर के विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी विनोद उर्फ नेतराम के विरुद्ध धारा 306 भादवि के तहत अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। विद्वान अदालत ने इस मामले से अन्य आरोपियों को दोषमुक्त किये।
कुरुर पति के साथ दया दिखाना न्याय को विफल करने के समान होगा- विद्वान अदालत
सजा के प्रश्न पर विद्वान अदालत ने कहा कि आरोपी शराब पीकर अपनी पत्नी सावित्री को पीटता था। पिटाई से बचने के लिए वह घर से निकलकर भागती थी, तो फिर उसे पकड़ कर घर लाता था और फिर पीटता था। ऐसे ही कई बार होने के कारण सावित्री ने स्वयं पर आग लगाकर आत्महत्या कर ली। सामान्यतः माता-पिता विवाह के समय अपनी बेटी को दान कर देते हैं। सावित्री ने आरोपी विनोद को अपना सबकुछ मानकर उसके साथ जीवन बिताने चली गई थी। वह ना उसे जीने दे रहा था और ना मरने दे रहा था। लगातार टार्जर कर रहा था। ऐसे कुरुर पति के साथ दया दिखाना न्याय को विफल करने के समान होगा। अंततः विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी विनोद उर्फ नेतराम तिलासी को धारा 306 भादवी के तहत अपराध के आरोप में 10 वर्ष की कठोर कारावास और 10 हजारों रुपए अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार वाट ने पैरवी की थी ।