सऊदी अरब (यूएई) के कड़े आलोचक और पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का केस लड़ने वाले वकील आसिम गफूर की गिरफ़्तारी और सजा पर अमेरिका-यूएई में तनातनी हो गई है। गिरफ़्तारी को लेकर दोनों देशों के बीच जमकर बयानबाजी हुई। यूएई की अदालत ने वकील गफूर को मनी लॉन्डरिंग और टैक्स चोरी के आरोपों में तीन साल की कैद की सजा सुनाई है। जिसकी आलोचना होने पर यूएई ने गिरफ़्तारी का सारा ठीकरा अमेरिका पर फोड़ दिया।
अमेरिकी नागरिक वकील आसिफ गफूर की गिरफ़्तारी पर यूएई के दावे को अमेरिका ने यह कहते हुए नकार दिया कि उसने कभी यूएई से आसिफ की गिरफ़्तारी की मांग नहीं की। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात ने यह कहते हुए गिरफ़्तारी का बचाव किया था कि यह सीमापार अपराध का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर उठाया कदम था। पत्रकार जमाली का केस लड़ने वाले वकील आसिफ गफूर को पुलिस ने अबू धाबी एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। आसिफ गफूर अपने दोस्त की शादी में शामिल होने इस्तांबुल जा रहे थे। गफूर वाशिंगटन स्थित ‘डेमोक्रेसी फॉर अरब वर्ल्ड नाउ’ मानवाधिकार संगठन से जुड़े हुए है। वह सऊदी के आलोचक रहे पत्रकार जमाली की हत्या का मामला देख रहे थे। जमाली और गफूर दोनों घनिष्ठ मित्र हुआ करते थे। वर्ष 2018 में इंस्ताबुल में सऊदी एजेंटों ने खशोगी की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।