इंदौर में केवल बड़े अस्पताल, आला दर्जे की चिकित्सकीय सुविधाएं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की पर्याप्त मौजूदगी ही नहीं है बल्कि यहां के लोग अपनी सेहत के साथ-साथ पर्यावरण की सेहत के लिए भी सजग होता जा रहा है। कोई यह कोशिश व्यक्तिगत रूप से कर रहा है, तो कोई समूह के साथ। ये प्रयास शहर के नदी-तालाबों को साफ करने, शहर में सिटी फारेस्ट विकसित करने, जगह-जगह औषणीय पौधे लगाकर और बटरफ्लाय गार्डन विकसित कर जैव विविधता को बेहतर करने की शक्ल में किए जा रहे हैं।
बीते दिनों कार मुक्त दिवस भी इसी दिशा में एक प्रयास रहा। यही नहीं, अपने शहर में तो ट्री एंबुलेंस भी चलती है। इन तरीकों से शहर के पर्यावरण का स्वास्थ्य लगातार बेहतर हो रहा है। आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर आइए जानें इंदौर के पर्यावरण का सेहत मीटर।
दो हजार से अधिक पौधों का हुआ उपचारइंदौर में मनुष्यों का ही नहीं बल्कि पौधों का भी उपचार होता है। नगर निगम द्वारा ट्री एंबुलेंस बनाई गई है। इसके जरिए शहर में सड़क के किनारे, डिवाइडर और शहरी उद्यान में लगे बीमार पौधों का उपचार किया जा रहा है। इसमें निगम की टीम विशेषज्ञों के साथ कार्य कर रही है। टीम में शामिल विशेषज्ञ पेड़, पौधों की 30 से ज्यादा बीमारियों का उपचार कर उन्हें नया जीवन दे रहे हैं। निगम के सहायक उद्यान अधिकारी पवन राठौर बताते हैं कि वर्षभर में दो हजार से अधिक पेड़-पौधों का उपचार किया जा चुका है। इस एंबुलेंस में पानी, दवाई और खाद के लिए टैंक बनाए गए हैं। साथ ही स्प्रिंक्लर, पंप के साथ ही पौधों की कांट-छांट के लिए भी उपकरण मौजूद हैं।