पशुओं में लम्पी डिसीज से बचाव के प्रति सजग रहने कहा

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पशुपालन विभाग के संचालक ने सभी जिलों के पशु पालकों को लम्पी डिसीज से उनके पालतू पशुओं को बचाने के लिए सलाह देने विभागीय अमले को हिदायद दी है। गत दिवस वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिये गये निर्देशों के परिपालन में उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ.एचजीएस पक्षवार ने जिले के पशुपालकों से कहा हैकि वे लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण किसी भी पशु में दिखने पर तत्काल निकटतम पशु चिकित्सालय में सूचना दें और वर्तमान स्थिति को देखते हुए पशुओं के परिवहन से बचें।
डा पक्षवार ने बताया कि गौ-वंशीय और भैंस वंशीय पशुओं में फैलने वाला लम्पी स्किन डिसीज विषाणु जनित रोग है। सामान्यत: यह बीमारी एक पशु से दूसरे पशु में मच्छर, काटने वाली मक्खी, किलनी, जुएँ या अन्य बाह्य परजीवियों के काटने से फैलती है। इसके अतिरिक्त यह संक्रमित पशुओं की लार, दूषित जल एवं चारे से भी फैलती है। इस रोग की शुरुआत में पशु को बुखार आता है। इसके पश्चात पूरे शरीर की त्वचा पर गठान बन जाती है। यह गठानें गोल उभरी हुई होती हैं। कुछ गठानें घाव में भी बदल जाती हैं। आँख और नाक से पानी आता है। साथ ही दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात और कभी-कभी पशु की मृत्यु भी हो जाती है। उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि वे संक्रमित पशुओं का उपचार कराएं। स्वस्थ पशुओं को प्रभावित पशुओं से अलग रखें। पशुओं को रखने के स्थान की साफ-सफाई रखें। उचित उपाय कर मच्छर, मक्खी, किलनी आदि बाह्य परजीवियों पर नियंत्रण रखें।

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