पहली अप्रैल से पैरासिटामोल समेत 800 जरुरी दवाएं हुई महंगी, देखें लिस्ट

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अब जनता को दवाओं पर महंगाई की मार पड़ी है। 1 अप्रैल से 800 से अधिक दवाओं के दाम बढ़ गए हैं। इसमें पेरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर्स शामिल हैं। देश में दवाओं के मूल्यों का निर्धारण करने वाली नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने दवाओं के दाम बढ़ाने से पहले सहमति दी थी। इसके तहत मेडिसिन के थोक मूल्य में 10.7% वृद्धि को मंजूरी दी गई है। इसमें आवश्यक दवाओं की लिस्ट में शामिल 800 दवाओं के थोक दाम बढ़ गए हैं। इन दवाओं के खुदरा दाम भी जल्द बढ़ सकते हैं।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय की ओर से थोक मूल्य के डेटा के आधार पर किया गया है। इसमें बुखार, स्किन इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। वह एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लॉक्सिन, हाइड्रोक्लोराइड, पेरासिटामोल, मेट्रोनिडैजोल जैसे जरूरी दवा मिश्रण शामिल हैं।

राजसभा में उठा मुद्दा

विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और खाना बनाना महंगा। अब दवाई भी महंगी। महंगाई के दर्द भी दवाई भी जरूरी है। उन्होंने केंद्र सरकार से जनता को राहत देने की मांग की। सीपीएम सांसद जॉन ब्रितास ने भी राज्यसभा में दवाओं की कीमतों का मामला उठाया। वह इन पर काबू करने का आग्रह किया।

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