बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।प्रदेश के सबसे अधिक धान उत्पादन बालाघाट जिले के किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने व उन्हें बिचौलियों दलालों से बचाने के लिए सोमवार दो दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अब इसे खराब मौसम का डर कहे या फिर सरकार की घोषणाओं के अनुरूप 3100 रुपये समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर लगातार किया जा रहा विरोध प्रदर्शन। कि पहले दिन उपार्जन केंद्र खाली ही रहे। यहां उपार्जन केंद्रों का अमला तो तौल सहित अन्य सामग्री के साथ तैनात रहा लेकिन ज्यादातर किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज की बिक्री के लिए केंद्रों में नहीं पहुंचा हैं। बताया जा रहा है कि 1 लाख से अधिक पंजीकृत किसानों में से महज13 किसान खरीदी केंद्रों में पहुंचे और उन्होंने 326.80 क्विंटल धान को तय किए गए 2300 रुपये प्रति क्विंटल के दाम से ही विक्रय भी किया है।हालांकि इन किसानों ने किस धान खरीदी केंद्र पर उपार्जन बेचा फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
2300 रुपये प्रति क्विंटल से खरीदी जाएगी फसल, 3100 के लिए किया जा रहा विरोध
शासन द्वारा इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के कार्य के किए जाने के लिए 2300 रुपये धान का समर्थन मूल्य तय किया गया है, लेकिन किसानों के साथ ही किसान संगठन, जिला सरपंच संघ, किसान गर्जना, जनपद सदस्य संघ और किसान गर्जना सहित विभिन्न संगठनों, द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप किसानों को उनकी धान की उपज का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल देंगे का वादा पूरा नहीं किए जाने से लगातार विरोध किया जा रहा है वही किसानों से वे ये भी कह रहे है कि जब तक सरकार 3100 रुपये क्विंटल मूल्य न दें वे अपनी उपज उपार्जन केंद्रों में जाकर न विक्रय करे।
छग में वादा पूरा तो मप्र में क्यो नही?
उधर किसानों का सरकार के प्रति विरोध बढ़ता ही जा रहा है। जहां 3100 समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग और इस मांग को लेकर किसानों को विभिन्न संगठनों का मिल रहे समर्थन का असर पहले दिन देखने को मिला है।बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा के द्वारा 3100 रुपये धान का समर्थन मूल्य दिए जाने की घोषणा की गई थी ।छत्तीसगढ़ में तो वादा को पूरा किया गया लेकिन मध्यप्रदेश में इसे पूरा नहीं किया गया है। इसके लिए इसका विरोध कर किसानों 2300 रुपये के दाम पर किसान को फसल न विक्रय किए जाने के लिए कहा जा रहा हैं।
185 उपार्जन केंद्र 1लाख 30 हजार 810 पंजीकृत किसान
दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान सहायक आपूर्ति अधिकारी सुनील किरार ने बताया कि जिले में 01 लाख 30 हजार 810 किसानों ने पंजीयन कराया है। 176420 कुल रकबा है जिनके किसानों ने पंजीयन कराया है। उन्होंने बताया कि धान उपार्जन के लिए 185 उपार्जन केंद्र बनाए गए है। जिनमें 35 केंद्र ओपन कैप स्तरीय, 16 गोदाम स्तरीय, 6 मंडी स्तरीय और 128 समिति स्तरीय केंद्र बनाए गए है। कटंगी में 16, किरनापुर में 18, खैरलांजी में 23, तिरोड़ी में 9, परसवाड़ा में 11, बालाघाट में 20, बिरसा में 12, बैहर में 7, लांजी में 19, लालबर्रा 29 और वारासिवनी में 21 उपार्जन केंद्र बनाए गए है।
11 सीमावर्ती पोस्ट पर नौ-नौ अधिकारी करेंगे चौकसी
धान उपार्जन की निगरानी के लिए कलेक्टर मृणाल मीना ने जिले की 11 सीमावर्ती चेकपोस्ट पर अधिकारियों की तैनाती के आदेश जारी किया है।इन चेकपोस्ट पर सुबह 8 बजे से दोपहर 4 बजे तक व 4 से रात 12 और 12 से सुबह 8 बजे तक तीन-तीन शिफ्ट के लिए मंडी संबधित समिति तथा पुलिस के जवानों को तैनात रहेंगे।चेक पोस्ट पर सचिव, वनरक्षक व जीआरएस को भी तैनात किया गया है। इसी तरह सभी चेकपोस्ट के लिए अलग से चेकपोस्ट प्रभारी संबधित थाना प्रभारी और तहसीलदार को नियुक्त किया गया है। चेकपोस्ट कंजई, मोवाड़, खैरी, नहलेसरा, खैरलांजी, नाटबारिया,कनई, गुडरु, सालेटेकरी,रजेगांव, कुल्पा और रिसेवाड़ा में स्थापित होगी।