बालाघाट-सिवनी हाईवे मार्ग के मानपुर-बकोड़ा के बीच स्थित पांगा तालाब की पार पिछले वर्ष हुई तेज बारिश के चलते तीन स्थानों से बहकर क्षतिग्रस्त हो गई थी और अत्यधिक मात्रा में पानी एवं मछली भी बह गई थी जिससे किसानों की फसल खराब होने के साथ ही मछवारों को भी खासा नुकसान हुआ था साथ ही तेज बारिश होने पर तालाब का पानी रोड़ के ऊपर से बहते रहता था। क्षतिग्रस्त पार का पक्का निर्माण करवाने के लिए किसानों व राहगीरों के द्वारा कई बार शासन-प्रशासन से मांग भी की गई है परन्तु ९ से १० माह बित जाने के बाद भी पक्का निर्माण न करते हुए जल संसाधन विभाग के द्वारा मिट्टी डालकर कच्चा मरम्मत कार्य करवाकर सिर्फ खानापूर्ति की गई है जो बरसात के दिनों में तेज बारिश होने पर तालाब में पानी भरने पर पांगा तालाब की पार पुन: क्षतिग्रस्त हो जायेगी जिससे खरीफ सीजन में किसानों के खेत में सैकड़ों एकड़ में लगने वाली धान की फसल खराब हो सकती है। जल संसाधन विभाग के द्वारा मंगलवार की शाम में मानपुर-बकोड़ा के समीप पांगा तालाब की क्षतिग्रस्त पार का मरम्मत कार्य करवाया गया है परन्तु यह मरम्मत कार्य गुणवत्तापूर्ण नही करवाया गया है सिर्फ मिट्टी डाली गई है जबकि जिस स्थान से पार क्षतिग्रस्त हुआ था उस स्थान पर पक्का निर्माण किया जाना चाहिए था जिससे पानी एक ही जगह पर एकत्रित रह सकता था परन्तु सिर्फ मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति करते हुए मिट्टी डाली गई है जो पहली बरसात में तेज बारिश होने पर पुन: क्षतिग्रस्त होने के साथ ही जस की तस स्थिति निर्मित हो जायेगी। बकोड़ा, बेलगांव व खारी के किसानों व राहगीरों ने खरीफ धान की फसल लगने के पूर्व पांगा तालाब की क्षतिग्रस्त पार पक्का मरम्मत कार्य करवाने की मांग शासन-प्रशासन से की है ताकि तेज बारिश होने पर खरीफ सीजन में किसानों के खेतों में लगने वाली धान की फसल खराब न हो सके।
आपकों बता दें कि बालाघाट-सिवनी हाईवे मार्ग के मानपुर-बकोड़ा के बीच पांगा तालाब है और इस तालाब में बरसात के दिनों में मानपुर, बोरी, मोहगांव सहित अन्य ग्रामों का पानी जमा होता है और पिछले वर्ष तेज बारिश होने से तालाब लबालब भरने के साथ ही तीन स्थानों से तालाब की पार क्षतिग्रस्त हो गई थी जिससे हजारों लीटर पानी व्यर्थ में बहने के साथ ही किसानों के खेत में लगी धान की फसल भी खराब हो चुकी थी जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ था। किसानों के द्वारा जल संसाधन विभाग से क्षतिग्रस्त पार का पक्का मरम्मत कार्य करवाने की मांग की गई थी जिस समय में अस्थाई रूप से कच्चा निर्माण किया गया था परन्तु वह अधिक दिन नही टिक पाया और कुछ ही दिनों में क्षतिग्रस्त हो गया था। पांगा तालाब की पार को क्षतिग्रस्त हुए ९-१० माह बित चुका है परन्तु पक्का निर्माण न करते हुए सिर्फ जिस स्थान से पार टूट चुकी है उसमें मिट्टी डालकर मरम्मत कार्य के नाम पर जल संसाधन विभाग ने खानापूर्ति की है। जो पहली तेज बारिश एवं तालाब में पानी भरते ही कुछ दिनों में ही टूट-फुट कर क्षतिग्रस्त हो जायेगी जिससे किसानों के खेतों में लगने वाली धान की फसल चौपट हो सकती है।
दूरभाष पर जल संसाधन विभाग के एसडीओं श्लेषा डोंगरे से पांगा तालाब की क्षतिग्रस्त पार का पक्का मरम्मत कार्य करवाने के संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।