पानी पीते ही पेटदर्द और उल्टी से तड़पने लगे 350 लोग, कलेक्टर का हुआ आदेश तो भागते भागते पहुंची टीम, जानें फिर क्या हुआ

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खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के झिरन्या विकासखंड के मिटावल गांव में पेट दर्द और उल्टी के 350 मामले सामने आए हैं। कलेक्टर के आदेश पर अलग-अलग विभागों की टीम ने गांव का दौरा किया। शुरुआती जांच में दूषित पानी को इसका कारण माना जा रहा है। जिम्मेदारों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है।

गांव में अचानक इतनी ज्यादा संख्या में लोग बीमार पड़ने से परेशान हो गए। गांव वालों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी। कलेक्टर ने तुरंत अलग-अलग विभागों की टीम को गांव में भेजा। टीम ने गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया। इसी के तहत मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

गांवों के किया दौरा

एक के बाद एक 350 लोग हुए बीमार

जिला पंचायत खरगोन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह ने बताया कि गांव में लगभग 350 लोग उल्टी और पेट दर्द से पीड़ित मिले हैं। उन्होंने बताया कि मिटावल गांव की आबादी लगभग 3000 है। यहां जल जीवन मिशन योजना के तहत बोरिंग और एक पुराने कुएं से पानी निकालकर टैंक में भरा जाता है। फिर इस पानी को पाइपलाइन के जरिए गांव में सप्लाई किया जाता है। आकाश सिंह ने बताया कि तीन टीमों ने 125 घरों के 600 लोगों की जांच की। बीमार लोगों को दवाइयां दी गईं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रभावित लोग अब खतरे से बाहर हैं।

सफाई व मरम्मत का काम जारी

पानी और स्टूल के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। कलेक्टर के आदेश पर गांव में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। कुओं की सफाई और पाइपलाइन की मरम्मत का काम भी चल रहा है। टीम अगले दिन फिर से गांव का दौरा करेगी।

जिम्मेदारों पर कार्रवाई

आकाश सिंह ने बताया कि इस मामले में पीएचई के सब इंजीनियर, गांव के सरपंच और पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एमएस सिसोदिया ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम ने मिटावल गांव का दौरा किया। इस टीम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह और एसडीएम आकांक्षा करोठिया भी शामिल थे।

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