पिता पुत्र को 6 वर्ष की सजा

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अनुसूचित जनजाति के एक व्यक्ति को लाठी और हाथ बुकको से मारपीट कर उसे गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में आरोपी जितेंद्र श्रीवास 52 वर्ष और उसके बेटे मेहुल श्रीवास 25 वर्ष दोनों ग्राम वार्ड नंबर 19 मानपुर थाना लालबर्रा निवासी को 6-6 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।

29 अक्टूबर यह फैसला अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश राजाराम भारतीय की अदालत ने सुनाया।

अभियोजन के अनुसार आहत विदेश सिंगमारे कटगझरी में रहता है। 19 नवंबर 2019 को विदेश सिंगमारे अपने पुत्र कमल सिंगमारे और धमेंद्र सिंगमारे के साथ सुधीर के घर बाजा बजाने के लिए ग्राम मानपुर गए थे।

बाजा बजाने के बाद रात करीब 8:30 बजे जब विदेश सिंगमारे अपने ग्राम कटगझरी वापस जाने के लिए मानपुर बोरी रोड पर खड़ा था उसी समय जितेंद्र श्रीवास और उसका बेटा मेहुल श्रीवास जो ग्राम मानपुर के रहने वाले हैं। हाथ में लकड़ी का डंडा लेकर आए और विदेश सिंहमारे को अश्लील शब्दों का प्रयोग कर उसे जातिगत गालियां देते हुए उसके साथ मारपीट किये जिससे विदेश सिंगमारे के सिर आँख एवं शरीर में गंभीर चोटें आई। बीच बचाव सुरेंद्र सिंगमारे और धनेंद्र सिंगमारे ने किए ।

इस मामले में लालबर्रा पुलिस थाने में जितेंद्र श्रीवास और उसके बेटे मेहुल श्रीवास के विरुद्ध धारा 294 506 325 34 भादवि धारा 3(2)(va),3(1)(s)व3(1)(r) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था। इस मामले में दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार करने के बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र बालाघाट की विशेष अदालत में पेश किया गया था। इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक डी पी बिसेन ने पैरवी की थी ।

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